लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है लेकिन मध्य प्रदेश में पार्टी अपने पुराने प्लान के तहत आगे बढ़ रही है। पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने कैंपेन का आगाज कर दिया है। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस के द्विपक्षीय सियासी रण में AAP की एंट्री के बाद चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की अगुआई वाले गुट ‘INDIA’ शामिल हुई आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बड़े वोट शेयर भी काट सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मध्य प्रदेश में AAP की एंट्री का डायरेक्ट असर कांग्रेस पर पड़ेगा। ऐसा भी संभव है कि आप जितनी सीटों पर जीत दर्ज करे या फिर जितने फीसदी वोट शेयर को हथियाती है उससे कांग्रेस को घाटा हो। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि गुजरात में भाजपा को चुनौती देने के लिए उतरी AAP ने कांग्रेस के ही वोट शेयर को काट लिया और जिन सीटों पर जीत दर्ज की उनमें से ज्यादातर सीटों पर पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। विश्लेषकों की मानें तो मध्य प्रदेश में AAP भाजपा को पूरी तरीके से चुनौती देने में कामयाब नहीं हो सकती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी सूबे के विधानसभा को चुनाव को केवल त्रिकोणीय ही बना सकती है और इसका असर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस पर पड़ने के आसार अभी से दिख रहे हैं। यहां तक कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर से ही चुनावी हुंकार भरी है।
बीते दिनों, विपक्षी एकता के गुट INDIA में शामिल होने से पहले AAP ने कांग्रेस से केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख साफ़ करने को कहा था। बेंगलुरु में महाजुटान से पहले कांग्रेस ने इसपर अपना बेशर्त समर्थन दे दिया। जिसके बाद AAP भी लोकसभा चुनाव में भाजपा कि अगुआई वाले NDA के खिलाफ गुट में शामिल हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न सिर्फ बेंगलुरु मीटिंग में पहुंचे बल्कि एकजुट होकर लोकसभा में भाजपा को चुनौती देने की बात भी कही। इसके बावजूद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी अपने पुराने प्लान को लेकर आगे बढ़ रही है। इसका ये मायने भी निकाला जा रहा है कि विपक्ष की एकजुटता में शामिल होकर 2024 की तैयारी में जुटी आप इससे पहले विधानसभा चुनावों में किसी भी प्रकार का गंठजोड़ नहीं करेगी।
दरअसल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आप के चुनावी मैदान में उतरने की बात और कांग्रेस के खिलाफ भी चुनाव लड़ने का मामला एक प्रस्ताव से जुड़ा हुआ है। आप ने कांग्रेस को अलिखित प्रस्ताव दिया था कि अगर कांग्रेस दिल्ली और पंजाब में चुनाव न लाडे तो AAP कांग्रेस शासित राज्यों में चुनावी रण में नहीं उतरेगी। लेकिन इस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया गया। ऐसे में आम आदमी पार्टी देश भर में अपने काडर को मजबूत करने में जुटी है और विधानसभा चुनावों में इस बात की फिक्र किए बिना उतर रही है कि उसके चलते कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
MP में आम आदमी पार्टी की ‘बदलाव यात्रा’
शनिवार को प्रदेश के खंडवा में चुनावी बिगुल फूंकते हुए आम आदमी पार्टी ने ‘बदलाव यात्रा’ निकाली। यात्रा में शामिल हुए पंजाब के खंडूर साहिब से विधायक और मध्य प्रदेश के सह प्रभारी मनजिंदर सिंह लालपूरा के साथ ही पंजाब के राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त सुगरफेड के चेयरमैन नवदीप सिंह ज़िंदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर बड़े बयान दिए। राज्यमंत्री ने कहा कि मोदी से देश को बचाने के लिए 26 पार्टियां एक साथ इकट्ठी हुई हैं। भले ही इन पार्टियों के विचार अलग-अलग हों, विचारधारा अलग हो, लेकिन ये सभी भारत के अभी के हालात और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश को बचाना चाहते हैं। और इससे बीजेपी, अमित शाह सहित मोदी जी डरे हुए हैं, घबराए हुए हैं और एमपी में लोग आम आदमी की सरकार चाहते हैं।
MP विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान का आगाज करने वाली आम आदमी पार्टी 2024 लोकसभा के लिए बने गुट से परे अपने पुराने प्लान पर ध्यान देगी। पार्टी चुनाव में कांग्रेस हित-अनहित देखे बिना भाजपा को चुनौती देने के लिए उतर रही है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी सूबे में भाजपा शासन के खिलाफ चुनावी हुंकार भर चुके हैं। संभावना ये भी है कि गुजरात की ही तरह AAP की एंट्री से कांग्रेस का हाल और बदहाल हो सकता है।