नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के पहले अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विधेयक पेश करने की मांग को लेकर रविवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म सभा जारी है. यह धर्म सभा दिल्ली के रामलीला मैदान में हो रही है. विश्व हिंदू परिषद की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस में देश भर से करीब 5 लाख लोग पहुंचेंगे.
धर्मसभा में आएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी भी शामिल हुए. उन्होंने अपने भाषण में कहा ‘राम मंदिर निर्माण से ही भविष्य का राम राज्य तय होगा. अदालत को भी देश की भावनाएं समझनी चाहिए. देश राम राज्य चाहता है, भावनाओं का सम्मान हो. हम भीख नहीं मांग रहे हैं. लोगों की भावनाओं का सवाल है. कोर्ट का सम्मान करते हुए इंतजार किया. कोर्ट की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए.’ उन्होंने कहा ‘भगवान राम कब तक अस्थाई टेंट में रहेंगे और भक्त देखते रहेंगे. राम मंदिर पर कानून बनाने की पहल करे सरकार. भारत और राम मंदिर को भव्य बनाएंगे. सत्ता में बैठे लोग जनभावनाओं को समझें.’
सभी महामंडलेश्वर और धर्माचार्य मंच पर पहुंचे हैं. वहीं विश्व हिंदू परिषद के वार्किंग प्रसिडेंट आलोक कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए. हम सरकार से मांग करते हैं कि वह अध्यादेश लाए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर में निर्माण में जो भी बाधा बनेगा, उसको जनता का आक्रोश झेलना पड़ेगा. वहीं महामंडलेश्वर नवल किशोर को कहना है कि सरकार ने अगर कोई निर्णय नहीं लिया तो 2019 के चुनावों में किसी को प्रवेश नहीं करने देंगे. विहिप ने कहा है कि वह आश्वस्त है कि संसद के आगामी सत्र के दौरान विधेयक पेश किया जाएगा जिससे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त होगा.
विहिप के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर किसी स्थिति में संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक नहीं लाया गया तो अगली ‘धर्म संसद’ में आगे के कदम पर फैसला होगा. इसका आयोजन अगले साल 31 जनवरी और एक फरवरी को महाकुंभ के इतर प्रयागराज में होगा. बंसल ने कहा कि विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे और इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार भी रैली को संबोधित करेंगे.
दिल्ली-एनसीआर से बसें राजघाट, झंडेवालान, लालकिला, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, इंडिया गेट पर खड़ी होंगीं. यहां से लोग पैदल ही रामलीला मैदान की ओर कूच करेंगे. धर्मसभा सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी. मैदान के अंदर 10 बड़ी स्क्रीन और बाहर 17 स्कीन लगाई गई हैं, ताकि लोग मंच पर चल रही गतिविधियां देख सकें. इसके अलावा राजघाट चौराहे, आईटीओ और रंजीत सिंह फ्लाईओवर तक भी स्क्रीन और साउंड सिस्टम लगाए गए हैं. मेरठ, हरियाणा, मथुरा और दिल्ली से लाखों लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है.
रैली को देखते हुए रामलीला मैदान और उसके आसपास के इलाकों के अलावा दिल्ली की सीमाओं और अन्य संवेदनशील इलाकों में 15 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. धर्म संसद में आए कुछ राम भक्त हाथों में राम मंदिर के बैनर, तो कुछ के हाथ में गदा और कुछ भगवान हनुमान का रूप धर कर आए हुए हैं. अब तक सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि वो आगामी संसद सत्र में राम मंदिर पर बिल ला रही है या नहीं.
बता दें कि भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग के लिए 25 नवंबर को विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा हुई थी. इसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया गया था. धर्मसभा में विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री चंपत राय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हमारे सब्र की परीक्षा ना ली जाए. राम मंदिर पर जमीन बंटवारे का फार्मूला हमें मंजूर नहीं है. राम जन्मभूमि का बंटवारा हमें स्वीकार्य नहीं है, हमें पूरी की पूरी जमीन चाहिए.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा था कि उन्हें मंदिर के लिए जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिए. राय ने विहिप द्वारा अयोध्या में आयोजित ‘धर्म सभा‘ में कहा था कि ‘‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है. हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिए. राम मंदिर के लिए पूरी की पूरी भूमि चाहिए.’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिन्दू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा. हालांकि राय ने बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया.