बेहतरीन संगीतकार और रूहानी आवाज के मालिक राहत फतेह अली खान काशायद ही कोई गाना ऐसा हो जो लोगों को पसंद न आए. राहत को आवाज की जादूगरी विरासत में मिली. पाकिस्तान के सूफी कव्वाल खानदान में जन्मे राहत आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं. लेकिन उनके बारे में यह बात शायद नहीं जानते होंगे कि राहत ने पहली बार स्टेज पर परफॉर्मेंस मात्र 7 साल की उम्र में दी थी.
नुसरत फतेह अली खान से हैं दो रिश्ते
राहत के परिवार में कव्वाली गाने की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है. उनके पूरे घर में ही संगीत का माहौल था. उनके पिता फार्रुख फतेह अली खान साहेब भी संगीत के शौकीन थे. संगीत की दुनिया के लीजेंड उस्ताद नुसरत फतेह अली खान राहत के पिता के बड़े भाई थे. लेकिन राहत का इससे भी खास रिश्ता नुसरत के साथ गुर-शिष्य वाला था. राहत वह मुख्य रूप से सूफी गीतकार हैं. कव्वाली के अलावा वह गजल भी गाते हैं.
ये हैं सदाबहार 5 गाने
धमाकेदार डेब्यू सॉन्ग
पूजा भट्ट की फिल्म ‘पाप’ का गाना ‘लागी तुमसे मन की लगन’ आज भी लोगों को खुद से बांध लेता है. यह गाना राहत का बॉलीवुड में डेब्यू सॉन्ग भी है. इस पहले गाने ने ही राहत को रातों रात बॉलीवुड का स्टार बना दिया था.
इस गाने ने मचाई थी धूम
नुसरत फतेह अली खान की पुरानी कव्वाली ‘मेरे रश्के कमर’ जब राहत ने नए अंदाज में गाकर फिल्मी गीत बना दिया तो इसका जादू बेइतेहां चला. यह गाना आज भी लोगों की टॉप लिस्ट में शामिल है. साथ ही यह गाना साल का सबसे ज्यादा बजने वाला गाना भी बन गया.
दिल तो बच्चा है जी
फिल्म ‘इश्किया’ का गाना ‘दिल तो बच्चा है जी’ का जादू आज 8 साल बाद भी बरकरार है. इस गाने को काफी पसंद किया जाता है.
जिया धड़क धड़क जाए
फिल्म ‘कलयुग’ का गाना जिया धड़क धड़क जाए आज भी लगातार सुने जाने वाले गानों में से एक है. इस गाने ने भी साल में सबसे ज्यादा बजने वाले गाने का तमगा पाया था.
सिर्फ सूफी ही नहीं
जब फिल्म ‘दबंग 2’ के लिए राहत ने भोजपुरी टोन का गाना ‘तोरे नैना बड़े’ गाया तो सुनने वालों को भी आश्चर्य हुआ. क्योंकि जिन लोगों का मानना था कि राहत सिर्फ सूफी गीत गाते हैं उनके लिए यह किसी सरप्राइज से कम नहीं था.