देश की सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस सरीखी बड़ी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है। सत्ताधारी लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने पहले ही ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा देकर मतदाताओं को अपनी जीत के प्रति आश्वस्त किया है। वहीं, कांग्रेस की अगुवाई वाला ‘इंडिया गठबंधन’ भी जीत के साथ सरकार बनाने की बात कह रहा है। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग भी लगभग सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहा है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का औपचारिक ऐलान जल्द हो सकता है। उससे पहले, खबरिया चैनल ABP न्यूज ने सर्वे एजेंसी C-वोटर के साथ देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर सर्वेक्षण किया। सर्वे में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट NDA के लिए खुशी भरी है। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ABP न्यूज और C-वोटर सर्वे की मानें तो बीजेपी यूपी में अपने सहयोगी दलों राष्ट्रीय लोकदल (RLD), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल अर्थात निषाद पार्टी (Nishad Party) के साथ मिलकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ सकती है। सर्वे में दावा किया गया है कि, भाजपा नीत NDA को उत्तर प्रदेश के कुल वोट प्रतिशत का 51 फीसदी हासिल हो सकता है। गौरतलब है कि, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 42.63 फीसद वोट हासिल हुए थे। वहीं, एनडीए को 43.63 प्रतिशत मत मिले थे। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 49.98 प्रतिशत और एनडीए को 1.21 वोट प्राप्त हुए थे। दोनों का वोट प्रतिशत मिलाकर 51.19 फीसद था। सर्वे की मानें तो बीजेपी नीत NDA को इस चुनाव में 74 सीटें हासिल हो सकती हैं। वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन (समाजवादी पार्टी और कांग्रेस) को 35 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 8 फीसदी वोट शेयर प्राप्त हो सकता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल पटेल) ने 2 सीटें हासिल की थी। वहीं, बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। आपको बता दें, इस चुनाव में साल 2014 के मुकाबले NDA को 9 सीटें कम आई थीं। सर्वे एजेंसी C-वोटर के साथ इस ओपिनियन पोल में बड़ा सैंपल रखा गया। 41 हजार 762 लोगों से बात की। सर्वे को 1 फरवरी से 10 मार्च के बीच लोकसभा की सभी 543 सीटों पर किया गया।

देश की सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस सरीखी बड़ी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है। सत्ताधारी लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने पहले ही ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा देकर मतदाताओं को अपनी जीत के प्रति आश्वस्त किया है। वहीं, कांग्रेस की अगुवाई वाला ‘इंडिया गठबंधन’ भी जीत के साथ सरकार बनाने की बात कह रहा है।

इस बीच भारत निर्वाचन आयोग भी लगभग सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहा है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का औपचारिक ऐलान जल्द हो सकता है। उससे पहले, खबरिया चैनल ABP न्यूज ने सर्वे एजेंसी C-वोटर के साथ देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर सर्वेक्षण किया। सर्वे में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट NDA के लिए खुशी भरी है।

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ABP न्यूज और C-वोटर सर्वे की मानें तो बीजेपी यूपी में अपने सहयोगी दलों राष्ट्रीय लोकदल (RLD), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल अर्थात निषाद पार्टी (Nishad Party) के साथ मिलकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

सर्वे में दावा किया गया है कि, भाजपा नीत NDA को उत्तर प्रदेश के कुल वोट प्रतिशत का 51 फीसदी हासिल हो सकता है। गौरतलब है कि, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 42.63 फीसद वोट हासिल हुए थे। वहीं, एनडीए को 43.63 प्रतिशत मत मिले थे। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 49.98 प्रतिशत और एनडीए को 1.21 वोट प्राप्त हुए थे। दोनों का वोट प्रतिशत मिलाकर 51.19 फीसद था। सर्वे की मानें तो बीजेपी नीत NDA को इस चुनाव में 74 सीटें हासिल हो सकती हैं।

वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन (समाजवादी पार्टी और कांग्रेस) को 35 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 8 फीसदी वोट शेयर प्राप्त हो सकता है।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल पटेल) ने 2 सीटें हासिल की थी। वहीं, बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। आपको बता दें, इस चुनाव में साल 2014 के मुकाबले NDA को 9 सीटें कम आई थीं।

सर्वे एजेंसी C-वोटर के साथ इस ओपिनियन पोल में बड़ा सैंपल रखा गया। 41 हजार 762 लोगों से बात की। सर्वे को 1 फरवरी से 10 मार्च के बीच लोकसभा की सभी 543 सीटों पर किया गया।

 

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