संजीव मुखिया नालंदा के नूरसराय हॉर्टिकल्चर में तकनीकी सहायक के रूप में काम करता था। बाद में उसने नौकरी दी और अपनी पहुँच के बल पर राजनीति में कदम रखा। वह अपने पंचायत का मुखिया भी बना। स्थानीय लोगों का कहना है कि संजीव मुखिया की पत्नी ममता कुमारी हरनौत विधानसभा क्षेत्र से लोजपा की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है। हालाँकि, उसे हार का सामना करना पड़ा।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) इस साल 5 मई को हुई NEET-UG पेपर लीक मामले की जाँच कर रही है। इस मामले में पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ विद्यार्थियों को पहले ही प्रश्नपत्र मिल चुका है और वे उत्तर याद कर लिए हैं। जब पुलिस उस स्थान पर पहुँची, जहाँ परीक्षार्थी उत्तर याद कर रहे थे। वहाँ पुलिस को जला हुआ प्रश्नपत्र और बुकलेट नंबर 636488 बरामद हुई।
सूत्रों के अनुसार, यह बुकलेट हजारीबाग के एक परीक्षा केंद्र की थी। इस आधार पर माना जा रहा है कि पेपर झारखंड से लीक हुआ है। इस मामले में नालंदा के एक सरकारी संस्थान में तकनीकी सहायक 53 वर्षीय संजीव मुखिया EOU की जाँच का केंद्र बिंदु है। अधिकारियों का मानना है कि वह पेपर लीक के मास्टरमाइंड में से एक है। वह BPSC शिक्षक बहाली पेपर लीक कांड में भी जेल जा चुका है।
जाँचकर्ताओं के अनुसार, मुखिया एक गिरोह का सरगना है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करके लाभ कमाने के लिए कई राज्यों में काम करता है। उत्तराखंड पुलिस ने पहले उसे 2016 में पकड़ा था। उसके बेटे शिव कुमार को भी ऐसे ही एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में उसे अप्रैल 2024 में BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक करने के संदेह में उज्जैन की जेल में रखा गया है।
इस गिरोह ने कई महीनों तक इस पेपर लीक की योजना बनाई और संजीव मुखिया उर्फ ‘लूटन मुखिया’ ने एक प्रोफेसर से व्हाट्सएप के जरिए प्रश्नपत्र हासिल किया। इसके बाद पटना और राँची के मेडिकल छात्रों की मदद से पेपर हल करवाया गया। 5 मई की सुबह चिंटू उर्फ बलदेव के मोबाइल पर हल के साथ पेपर भेजा गया। जाँच एजेंसी को मैसेज भेजने वाले प्रोफेसर के बारे में भी जानकारी मिल गई है।
इस प्रश्न पत्र के लिए हर एक छात्र से सौदा 40 लाख रुपए में की गई थी। इसमें 30 से 32 लाख ऊपर भेजने थे और बाकी रकम यानी 8 से 10 लाख रुपए सिकंदर, नीतीश और अमित जैसे बिचौलिए के बीच बँटने थे। इन सबकी प्लानिंग संजीव मुखिया ने की थी। चिंटू उर्फ बलदेव के अनुरोध पर हिलसा के पिंटू ने पेपर का प्रिंटआउट लिया और सुबह 9 बजे 20-25 परीक्षार्थियों में बाँट दिया।
उत्तर को याद करने के लिए परीक्षार्थी खेमनीचक में अब बंद हो चुके लर्न एंड प्ले स्कूल और ब्वॉयज हॉस्टल में रह रहे थे। यह मकान मुखिया के करीबी प्रभात रंजन का है, जिसे किराए पर लिया गया था। प्रभात दनियावाँ प्रखंड का प्रमुख और उसकी पत्नी मुखिया रह चुकी है। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की है। EOU ने नालंदा पुलिस को नोटिस भेजकर संजीव मुखिया को गिरफ्तार करने को कहा है।
नालंदा पुलिस ने 21 जून 2024 को जिले के नगरनौसां गाँव स्थित उसके घर पर छापा मारा था, लेकिन पुलिस के पहुँचने से पहले ही वह फरार हो गया था। हालाँकि, एजेंसी ने उसके परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की है। एफआईआर में नामजद एकमात्र आरोपित संजीव मुखिया ही है। पुलिस को रॉकी उर्फ राकेश रंजन, चिंटू, पिंटू, आशुतोष समेत अन्य आरोपियों की भी तलाश है।
इस मामले में 4 जून को उसने पटना जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया। उस पर 4 जुलाई को सुनवाई होगी। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, वे गुप्त सूचना के आधार पर अलग-अलग जगहों पर संजीव मुखिया को तलाश रहे हैं। अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में उसे पकड़ लिया जाएगा। हम उस पर नजर रख रहे हैं।”
संजीव मुखिया नालंदा के नूरसराय हॉर्टिकल्चर में तकनीकी सहायक के रूप में काम करता था। बाद में उसने नौकरी दी और अपनी पहुँच के बल पर राजनीति में कदम रखा। वह अपने पंचायत का मुखिया भी बना। स्थानीय लोगों का कहना है कि संजीव मुखिया की पत्नी ममता कुमारी हरनौत विधानसभा क्षेत्र से लोजपा की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है। हालाँकि, उसे हार का सामना करना पड़ा।
कौन है सिकंदर यादवेंदु और अवधेश?
5 मई को पुलिस ने परीक्षा केंद्र से अभिषेक नाम के एक छात्र को हिरासत में लिया था। साथ ही राँची में रहने वाले उसके पिता अवधेश को भी गिरफ्तार किया गया। दानापुर नगरपालिका में जूनियर इंजीनियर 56 वर्षीय सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया है। जाँच में उसे नीट प्रश्नपत्रों के प्रसार में मुख्य संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया है।
सिकंदर साल 2012 से पहले राँची में 15 साल से छोटी-मोटी ठेकेदारी करता था। इसके बाद उसने राँची में जमीन का कारोबार किया और महज 12 साल में ही करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। सिकंदर मूलत: बिहार के समस्तीपुर के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके पास इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। साल 2012 में उसे जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर का पद मिला।
इस दौरान उसने राँची में भी करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। राँची के जगतपुरम में उसका एक घर और एक अपार्टमेंट है। उसने करीब तीन महीने पहले राँची के बाईपास रोड पर अपने बेटे के लिए एक स्पोर्ट्स शोरूम खोला है। वहीं, उसकी बेटी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। जाँच एजेंसी सिकंदर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज करेगी।
पुलिस को यह भी पता चला है कि जब सिकंदर राँची में छोटी-मोटी ठेकेदारी करता था, उस वक्त अवधेश उसका क्लर्क था। बाद में जब सिकंदर की अवैध कमाई बढ़ी तो अवधेश उसे राँची में ही जमीन के कारोबार में लगाने लगा था। जमीन के कारोबार को लेकर हुए विवाद साल 2023 में अवधेश को राँची में गोली भी मारी गई थी, जिसमें वह घायल हो गया था।
भाजपा का तेजस्वी यादव के निजी सचिव पर आरोप
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव के निजी सचिव और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रीतम कुमार पर लीक का आरोप लगाया है। सिन्हा ने कहा, “1 मई को तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम कुमार ने गेस्टहाउस के कर्मचारी प्रदीप कुमार को सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने के लिए बुलाया था। 4 मई को प्रीतम ने प्रदीप को कमरा बुक करने के लिए फिर से बुलाया।”
सिन्हा ने कहा, “तेजस्वी यादव के लिए ‘मंत्री’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था। सिकंदर यादवेंदु तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार के करीबी रिश्तेदार हैं। सिकंदर की बहन रीना यादव और बेटे अनुराग यादव के लिए 4 मई को NHAI गेस्ट हाउस बुक किया गया था। गेस्ट हाउस की डायरी में एक फोन नंबर और ‘मंत्री जी’ का उल्लेख है। जाँच एजेंसी इस मंत्री जी की पहचान करने की कोशिश कर रही है।”