कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी,इस रास्ते से आए थे साजिशकर्ता

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रयागराज से चलकर कानपुर होते हुए भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जांच में लगी छह टीमों ने अब तक निवादा टोल प्लाजा समेत अलग-अलग जगह लगे 219 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जुटाए हैं।इसके अलावा सर्विलांस और एलआईयू की टीम भी जांच कर रही है।रेल पटरियों से छेड़छाड़ जैसे मामलों में पहले पकड़े जा चुके लोगों से पूछताछ जारी है।फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉयड की टीमों ने भी किसी भी तरह के सुराग और संदिग्ध वस्तु की तलाश में पूरे इलाके के चप्पे चप्पे की छानबीन की।

कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने वाले शातिर हाईवे की ओर से सिलिंडर लेकर रेल पटरी तक पहुंचे और घटना के बाद पटरी की दूसरी तरफ मक्के के खेत से भाग निकले।पुलिस ऐसा अनुमान इस लिए लगा रही है, क्योंकि खोजी कुत्ता जहां एक ओर रेल पटरी से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर हाईवे तक गया। वहीं घटनास्थल के दूसरी तरफ झाड़ियों से होते हुए मक्के के खेत तक गया। जहां कुछ फुट प्रिंट भी मिले हैं।

दोपहर दो बजे डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह,रेलवे के मंडल सुरक्षा आयुक्त पवन कुमार श्रीवास्तव और डॉग स्क्वॉयड मौके पर पहुंचे।ट्रेनर विजय कुमार डॉग यामिनी को सबसे पहले उस जगह पर ले गए जहां सिलिंडर पड़ा मिला था।यहां कुछ देर सूंघने के बाद यामिनी पटरी के किनारे किनारे टहलते हुए सिलिंडर गाड़े जाने वाली जगह पर पहुंची।इसके बाद यामिनी पटरी के किनारे से होते हुए सड़क पर आ गयी।फिर पटरी और उसके बाद हाईवे की ओर घूम गयी।जहां यामिनी टोल प्लाजा से कुछ पहले बने कान्हा रसोई होटल के पास गयी। दो बार होटल के अंदर तक गयी।इसके बाद पुलिस ने होटल संचालक ज्ञानू शुक्ला से पूछताछ की।

इस मामले में रेल अधिकारियों ने जांच पूरी कर ली है। पूरे मामले में कोई रेल की चूक सामने नहीं आई है।अधिकारियों का मानना है कि सिलिंडर को भले ही ट्रैक के बीच में फंसाया गया था,लेकिन ट्रेन की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा से कम होने की से शायद जब सिलिंडर इंजन के आगे लगे काऊ कैचर से टकराया तो फटने के बजाय उछलकर दूर जा गिरा।

अधिकारियों का कहना है कि कालिंदी के इंजन ने चंद मिनट पहले ही रेलवे का सीटी फाटक पार किया था। फाटक पार करते ही 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन निकलने का कॉशन लगा हुआ था। इस वजह से ट्रेन की गति धीमी थी।

कालिंद्री एक्सप्रेस में सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट लगा था।सिलेंडर टकराने के बाद गाड़ी आगे स्टेशन पर रुकी तो एस्कॉर्ट में लगे पुलिसकर्मी उतर गए और घटनास्थल का फौरी निरीक्षण कर मामले की जानकारी अपने अधिकारियों को दी। इसी बीच ड्राइवर ने वॉकी-टॉकी से मैसेज देकर पीछे से आ रही गाड़ियों को जहां की तहां रोकने के लिए कहा और बताया कि ट्रेन सही स्थिति में है, आगे ले जाई जा सकती है। इसके बाद सीटी फाटक से मेमो देने के बाद ट्रेन को आगे रवाना किया गया।

घटना की जांच रेलवे ने भी शुरू कर दी है। सोमवार को इज्जत नगर मंडल के रेलवे संरक्षा आयुक्त पवन श्रीवास्तव ने टीम के साथ घटनास्थल का जायजा लेने के साथ ही डेरा डाल दिया है। मामले की तह तक जाने के लिए आरपीएफ की टीमों को लगाया है।आरपीएफ ने 18 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि रेलवे संरक्षा आयुक्त तीन दिन तक घटनास्थल रहकर हर पहलू जांच करेंगे। उन्होंने आरपीएफ की तीन टीमों को जांच में लगाया है। इन टीमों ने शिवराजपुर स्थित घटनास्थल के कन्नौज के बीच 18 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

आरपीएफ की इंटेलीजेंस भी सक्रिय हो गई है। इंटेलीजेंस के लोग सादे कपड़ों में अनवरगंज से कन्नौज के बीच आने वाले स्टेशनों पर यात्रियों के बीच बैठकर साजिश जानकारी जुटाएंगे। खास तौर पर उन यात्रियों पर नजर रखी जाएगी, जो रोज कानपुर से कन्नौज के बीच सफर करते हैं। वहीं रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। रात में टीम कार से रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग करेगी।

एनआईए,एटीएस और आईबी की जांच के दायरे में देश विदेश से आए लोगों को भी लिया गया है।बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार है। यहां देश-विदेश से बड़े पैमाने पर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस वजह से पुलिस ने जांच के दायरे में उन लोगों को भी लिया है। डीसीपी पश्चिम ने बताया कि उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है।

बताते चलें कि अनवरगंज-कासगंज रूट पर प्रयागराज से चलकर कानपुर होते हुए भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) रविवार रात पलटने से बच गई।ट्रैक पर भरा सिलेंडर रख ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन जब सिलेंडर से टकराई तो तेज आवाज हुई। इसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। रेलवे और आरपीएफ अधिकारियों को घटनास्थल से सिलेंडर के अलावा कांच की बत्ती लगी बोतल, माचिस,एक संदिग्ध झोला और अन्य संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुईं थीं।

बता दें कि कानपुर के पनकी में 17 अगस्त को वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस बोल्डर से टकरा गई थी।बोल्डर से टकराने के बाद ट्रेन के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए थे।ट्रैक के पास से लोहे का एंगल मिला था। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई थी। इस मामले की जांच अभी चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *