पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) काभारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ मुआवाजे की मांग का दावा खारिज हो गया है. आईसीसी के विवाद निवारण पैनल ने पाकिस्तान को बीसीसीआई द्वारा मांगे गए हर्जाने का 60 प्रतिशत भुगतान करने का आदेश दिया है. इस आदेश से पीसीबी के तत्कालीन प्रमुख नजम सेठी आलोचनाओं के घेरे में हैं, जिस पर उन्होंने सफाई दी है.
इसलिए किया था दावा
पीसीबी ने द्विपक्षीय क्रिकेट को लेकर हुए समझौते का सम्मान नहीं करने पर बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजे का दावा किया था जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया था. अब इसके एक महीने बाद आईसीसी ने दोनों बोर्ड के लिए खर्चों का भुगतान तय कर दिया है. इस मामले में अब बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजा मामला दायर करने के लिये आलोचना झेल रहे नजम सेठी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय संस्था के गवर्नर्स बोर्ड ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया था.
इतना भुगतान करना होगा पीसीबी को
आईसीसी विवाद निवारण समिति ने बुधवार को पाकिस्तान को बीसीसीआई को लगभग 12 लाख डालर का भुगतान करने का आदेश दिया. आईसीसी ने इससे पहले पीसीबी के मुआवजे दावे को नामंजूर कर दिया था. पीसीबी ने अपने दावे में भारत पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज के समझौते का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया था.
सेठी की सफाई
सेठी ने ट्वीट किया, ‘‘बीसीसीआई के खिलाफ आईसीसी विवाद निवारण समिति के पास जाने का फैसला पीसीबी गवर्नर्स बोर्ड ने चेयरमैन शहरयार खान के नेतृत्व में सर्वसम्मति से किया था.’’ उन्होंने कहा कि हमेशा हारने वाला पक्ष जीतने वाले पक्ष को पूरे खर्चे का भुगतान करता है. सेठी ने कहा, ‘‘आईसीसी ने बीसीसीआई के खर्चे का केवल 60 प्रतिशत भुगतान ही पीसीबी को करने के लिए कहा है क्योंकि वह मानता है कि पीसीबी ने वैध मसला उठाया था.’’
आईसीसी ने अपने फैसले में कहा, “पैनल पीसीबी को हर्जाने तथा प्रशासनिक खर्च और पैनल के खर्चों का 60 प्रतिशत बीसीसीआई को भुगतान करने का आदेश देता है. “पैनल का यह फैसला बाध्यकारी है.
बीसीसीआई को भी भुगतान करने को कहा गया
पैनल ने बीसीसीआई को भी प्रशासनिक खर्च और पैनल के खर्चों का 40 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कहा गया है. फैसले में उस धनराशि का जिक्र नहीं है जिसका दावा भारतीय बोर्ड ने किया था. पीसीबी ने बीसीसीआई पर आरोप लगाया था कि उसने 2015 से 2023 तक छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने से संबंधित समझौता ज्ञापन का सम्मान नहीं किया. उसने बीसीसीआई से 447 करोड़ रुपये मुआवजे के दावे की मांग की.