विकास दुबे का कबूलनामा : जानिए, एनकाउंटर से पहले क्या-क्या खोले राज

लखनऊ। कानपुर में इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद भी विकास दुबे की दबंगई में कोई कमी नहीं आई थी। उज्जैन में उसने खुद को कानपुर वाला विकास दुबे बताकर गार्ड से मारपीट की कोशिश की। वहीं जब वहां से चला तो रास्ते में पुलिस कर्मियों को धमकी दी। बताया जा रहा है कि पूरे रास्ते गाली देता हुआ आया। पुलिस ने उज्जैन में संपर्क कर इंट्रोगेशन रिपोर्ट मांगी है।

विकास जब उज्जैन से चला तो उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। वह पहले सफारी और फिर दूसरी कार में पुलिसकर्मियों के बीच पिछली सीट पर बैठकर सचेंडी तक आया। वहां से चलने के बाद जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो उसने धमकी देते हुए कहा कि यह आठ की संख्या कब दोगुनी हो जाएगी। यह जल्दी ही तुम लोगों को पता चल जाएगा। उसने कहा, तुम मेरा एनकाउंटर करने आए थे। हाथ भी नहीं लगा पाओगे। मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।

एक दर्जन पुलिस कर्मियों के नाम  
उज्जैन पुलिस ने जब विकास से पूछताछ की तो उसने वहां पर कुछ नेताओं, व्यापारियों और लगभग एक दर्जन पुलिस कर्मियों के नाम बताए, जो उसके संपर्क में थे। पुलिस ने यहां अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है। यहां से एसएसपी वहां के अफसरों के संपर्क में रहे। उनसे इंट्रोगेशन रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही वहां से यहां आते वक्त विवेचक ने जो उससे पूछताछ की थी। उसके ठीक होने के साथ ही वह अधिकारियों के साथ साझा की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि विकास द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर सबूत इकट्ठा कर सफेदपोशों पर शिकंजा कसा जाएगा।

विकास के मरने के बाद भी जारी रहा पुलिस का ऑपरेशन
विकास दुबे के मुठभेड़ में ढेर होने के बाद पुलिस पूरे दिन उसके इर्द गिर्द कार्रवाई पूरी करने में लगी रही। बिकरू गांव स्थित उसके सहयोगियों के घर पर सर्च ऑपरेशन चला। उसके गुर्गे की दुकान से देसी बम बरामद हुए। इसके अलावा इस मामले में फरार चल रहे 14 गुर्गों को खोजने के लिए पुलिस ने बिकरू और उसके आसपास के गांवों में दबिश ऑपरेशन चलाया।

अपराधी के ढेर होने के बाद पुलिस ने एक बार फिर टीम वर्क का परिचय दिया। एक टीम उसका पोस्टमार्टम कराने में लगी थी। एक टीम घायल पुलिस कर्मियों के इलाज के लिए लगाई गई। वहीं चौबेपुर, शिवराजपुर और बिल्हौर पुलिस की टीमों को उसके अन्य गुर्गों की तलाश में लगाया गया। साथ ही उसके गांव बिकरू में एक बार फिर तलाशी अभियान चलाया गया। जहां से पुलिस ने शुक्रवार को फिर से 7 देसी बम बरामद किए। बिकरू के आसपास के गांवों में पुलिस ने दबिश ऑपरेशन चलाकर तीन लोगों को उठाकर पूछताछ शुरू की है। ऐसी जानकारी है कि इन लोगों का विकास के साथ मौजूद गुर्गों से संबंध हैं।

14 गुर्गों की तलाश है
पुलिस ने बिकरू कांड के बाद प्रेम प्रकाश, अतुल दुबे, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, बउन दुबे और विकास के एनकाउंटर के बाद पुलिस अब इसमें नामजद  विष्णु पाल सिंह उर्फ जिलेदार, शिव तिवारी, हीरू, नरेश नागर, मनोज, चन्द्रजीत, संतोष कुमार, गुड्डन त्रिवेदी, लालाराम, अजीत कुमार, इन्द्रजीत, बड़े उर्फ बालगोविंद, सत्यम उर्फ लुट्टन, नाहर सिंह की तलाश में आसपास के ग्रामीण इलाकों में सर्च और दबिश ऑपरेशन चलाया।

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