नई दिल्ली। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बीच पिछले काफी समय से चल रहा विवाद खत्म हो सकता है. केंद्र और आरबीआई दोनों इसी पक्ष में हैं कि 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक से पहले इसे निपटाया जाए. सूत्रों का दावा है कि सरकार आरबीआई के प्रति अपना रुख नरम कर सकती है. साथ ही सरकार एनबीएफसी के लिए स्पेशल विंडो की मांग भी नहीं करेगी. हाल ही में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम के साथ बैठक के बाद ही इन मुद्दों पर हल निकला है.
केंद्र-आरबीआई के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा
सूत्रों का कहना है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों के बीच इस विवाद को सुलझाने को लेकर एक फॉर्मूला भी तय हुआ है. इस फॉर्मूले के तहत आरबीआई से पैसे मांगने को लेकर केंद्र नरमी बरतेगा और दूसरी तरफ आरबीआई भी सरकार को कर्ज देने में थोड़ी ढिलाई बरतेगा.
इस्तीफा नहीं देंगे उर्जित पटेल
इससे यह तय हो गया है कि आरबीआई गवर्नर इस्तीफा नहीं देंगे. पिछले कुछ समय से मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा था कि उर्जित पटेल केंद्र के साथ टकराव के बाद इस्तीफा दे सकते हैं. कयास लगाए जा रहे थे कि बोर्ड मीटिंग से पहले ही उर्जित पटेल का इस्तीफा हो सकता है.
विवाद ने इसलिए पकड़ा था तूल
आरबीआई सूत्रों के अनुसार पीएम के साथ बैठक के बाद अब केंद्रीय बैंक कई बैंकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं करेगा. हाल ही में आरबीआई ने 11 बैंकों के कर्ज बांटने पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार की तरफ से लगातार दबाव बनाने के बाद आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक बयान में कहा था कि केंद्रीय बैंक की आजादी को कमजोर करने के अच्छे परिणाम नहीं होंगे. इसके बाद से विवाद ने तूल पकड़ लिया था.
सेक्शन-7 नहीं होगा लागू
आरबीआई और केंद्र के बीच तनाव तब और बढ़ गया था जब चर्चा उठी थी कि सरकार आरबीआई एक्ट के सेक्शन-7 का इस्तेमाल करने का विचार कर रही है. सेक्शन-7 का इस्तेमाल आरबीआई गवर्नर के साथ विचार-विमर्श और उन्हें निर्देश देने के लिए किया जाता है. हालांकि, असाधारण स्थितियों में ही इसका प्रयोग किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो सरकार अब सेक्शन-7 का इस्तेमाल भी नहीं करेगी.
सरकार की तरफ से बनाया गया था दबाव
पिछले कुछ हफ्तों में सरकार की तरफ से लगातार आरबीआई पर कर्ज देने में ढिलाई और एनबीएफसी को स्पेशल विंडो देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर आरोप भी लगाया था कि वह आरबीआई से वित्तीय घाटा कम करने और इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की मांग कर रही है. लेकिन, अब ऐसा नहीं है, इस विवाद को निपटाने के लिए दोनों पक्षों में सुलह हो सकती है. वहीं, आरबीआई नवंबर में मार्केट में 40 हजार करोड़ रुपए की राशि डालेगा. 15 नवंबर यानी आज इसकी पहली किश्त 12000 करोड़ रुपए मार्केट में डाले जाएंगे.