JNU में ‘कंडोम’ मिलने की बात कहने वाले BJP MLA ज्ञानदेव को नहीं मिला टिकट

नई दिल्‍ली। राजस्‍थान में होने जा रहे चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी 31 उम्‍मीदवारों की दूसरी सूची बुधवार को जारी कर दी है. इस सूची में भी कई चर्चित चेहरों को जगह नहीं दी गई है. दूसरी सूची में जिन 15 विधायकों के टिकट कटे हैं, उनमें सर्वाधिक चर्चित नाम अलवर की रामगढ़ सीट से विधायक ज्ञानदेव आहूजा का है. आहूजा 2016 में अपने उस बयान के बाद सुर्खियों में आए थे कि जेएनयू परिसर में प्रतिदिन हजारों कंडोम पाए जाते हैं. उसके बाद मॉब लिंचिंग और लव जिहाद के मसले पर भी उन्‍होंने कई विवादित बयान दिए हैं.

162 प्रत्‍याशियों की घोषणा
पहली सूची में बीजेपी ने 161 प्रत्‍याशियों की घोषणा की थी. दूसरी सूची में 31 नए नाम शामिल करने से भाजपा अब तक 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 162 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. निवर्तमान मंत्री बाबूलाल वर्मा, राजकुमार रिनवा और धन सिंह रावत को इस चुनाव में टिकट नहीं दिया गया है.

बीजेपी के सांसद और विधायक ने थामा कांग्रेस का हाथ
इस बीच भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका देते हुए एक मौजूदा सांसद हरीश मीणा और विधायक हबीबुर्रहमान बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. चुनाव से ठीक पहले हुए इस राजनीतिक घटना को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इसके साथ ही इन दोनों दलों में ‘अवसरवादी नेताओं’ को लेकर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमोनारायण मीणा के छोटे भाई और दौसा से सांसद हरीश मीणा ने नई दिल्ली में जबकि नागौर से विधायक हबीबुर्ररहमान ने जयपुर स्थित प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की. नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने मीणा का स्वागत किया.

इस अवसर पर मीणा ने कहा,’ मैं बिना किसी शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं.’ अशोक गहलोत सरकार में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हरीश मीणा मार्च 2014 में भाजपा से जुड़े और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री तथा अपने भाई नमोनारायण मीणा के खिलाफ चुनाव लड़ा. इस चुनाव में हरीश जीते जबकि किरोड़ी लाल मीणा दूसरे व नमोनारायण तीसरे स्थान पर रहे.

वहीं जयपुर में नागौर से भाजपा विधायक हबीबुर्रहमान ने सांसद रघु शर्मा व अन्य नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की. हबीबुर्रहमान पहले कांग्रेस में ही थे और 2001- 03 की गहलोत सरकार में मंत्री रहे. वह 2008 में टिकट नहीं मिलने पर वह भाजपा में चले गए. उन्होंने 2008 व 2013 का चुनाव भाजपा की टिकट से लड़ा व जीता. लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की राह कर ली.

इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘मैं आज घर वापस आ गया हूं. पार्टी से जुड़ने की कोई शर्त नहीं रखी गई.’ क्या वह चुनाव लड़ेंगे यह पूछे जाने पर रहमान ने कहा,’चुनाव कौन नहीं लड़ना चाहता?’ हालांकि सांसद रघु शर्मा ने कहा कि पार्टी के टिकट तो अध्यक्ष राहुल गांधी की मंजूरी के बाद ही जारी किए जाएंगे.

इस बीच कांग्रेस और भाजपा में ‘अवसरवादी नेताओं’ को लेकर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. सांसद हरीश मीणा के कांग्रेस में जाने पर भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने उन्हें अवसरवादी करार दिया. उन्होंने कहा, ‘ इसका आदिवासी बहुत इलाकों में मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लोग जानते है कौन अवसरवादी है और अवसरवादी कहीं भी जा सकता है.’

इस पर कांग्रेस सांसद रघु शर्मा ने कहा ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा खुद अवसरवादिता के ‘सबसे बड़े’ उदाहरण हैं. शर्मा ने कहा,’ किरोड़ी लाल की पत्नी गोलमा देवी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री थीं. मीणा ने 2013 का विधानसभा चुनाव नेशनल पीपल्स पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लड़ा और फिर भाजपा में शामिल हो गए. वह भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य बन गए और अब उनकी पत्नी को भाजपा ने अपनी पहली ही सूची में टिकट दे दिया है. वह अवसरवादिता का उत्कृष्ठ उदाहरण हैं.’ भाजपा को इस बार राज्य में कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है. यहां पिछले सालों में विपक्षी दल ने अनेक उप चुनाव में जीत दर्ज की है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *