‘हिंदी लोगों को शूद्र बना देती है, ये यूपी-बिहार जैसे पिछड़े राज्यों की भाषा’: DMK सांसद का विवादित बयान, कहा – ये हमारे लिए अच्छा नहीं

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) के सांसद टीकेएस एलनगोवन कहा है कि हिंदी भाषा का इस्तेमाल करने पर वो लोग ‘शूद्र’ बन जाएँगे। उन्होंने हिंदी को ‘पिछड़े हुए राज्यों की भाषा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी को स्वीकार करने से लोग ‘शूद्र’ बन जाएँगे और ये किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। पिछले कुछ दिनों में दक्षिण भारत के कई नेताओं और फ़िल्मी हस्तियों ने हिंदी भाषा को लेकर विवादित बयान दिया है।

टीकेएस एलनगोवन ने कहा, “हिंदी सिर्फ पिछड़े हुए राज्यों की भाषा है, जैसे – बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब को देखिए। क्या ये सभी विकसित राज्य नहीं हैं? इन राज्यों के लोगों की मातृभाषा हिंदी नहीं है। हिंदी से हम शूद्र बन जाएँगे। ये हमारे लिए अच्छा नहीं होगा।” बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को अंग्रेजी की जगह स्वीकार्य भाषा बनाने की वकालत की थी।

इससे पहले तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि अंग्रेजी, हिंदी के मुकाबले ज्यादा बहुमूल्य है। उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है, जबकि हिंदी बोलने वाले पानी-पूरी बेचते हैं। भाजपा ने DMK सांसद के इस बयान का विरोध किया है। पार्टी के नेता नारायणन तिरुपति ने कहा कि राज्य में DMK पूरी तरह फेल हो गई है, इसीलिए वो मुद्दों को भटकाने में लगे हुए हैं। 67 वर्षीय टीकेएस एलनगोवन 2009 में चेन्नई नॉर्थ से लोकसभा सांसद चुने गए थे और फ़िलहाल वो राज्यसभा सांसद हैं।

साथ ही वो डीएमके के आर्गेनाईजेशन सेक्रेटरी भी हैं। उनके दिवंगत पिता टीके श्रीनिवासन भी राज्यसभा सांसद हुआ करते थे। इससे पहले के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मा सुब्रमण्‍यम ने तमिलनाडु में कोरोना वायरस केस बढ़ने के लिए उत्तर भारत के हिंदी भाषी छात्रों को जिम्‍मेदार ठहराया था। इससे पहले कन्नड़ अभिनेता सुदीप और बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन के बीच हिंदी भाषा को लेकर ट्विटर बहस हुई थी। दक्षिण भारत के कई नेता हिंदी विरोधी बातें करते रहते हैं।

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