CBI अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में तबादले को दी चुनौती, कहा- ‘एक राज्यमंत्री ने कुछ करोड़ रुपये की रिश्वत ली’

नई दिल्ली। सीबीआई के अंदर जारी रार थमती नहीं दिख रही है. अब CBI  के DIG मनीष कुमार सिन्हा (Manish Kumar Sinha) भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई (CBI Row) के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) के खिलाफ जांच करने वाले सीबीआई अधिकारी मनीष सिन्हा की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. मनीष सिन्हा ने अपने तबादले के खिलाफ याचिका देकर कहा कि उनके पास कुछ चौंकाने वाले दस्तावेज़ हैं, जिन पर तुरंत सुनवाई की ज़रूरत है. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ये कहते हुए जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया कि कुछ भी हमें चौंकाता नहीं है. लेकिन अपनी याचिका में सीबीआई अफ़सर ने जो दावे किए हैं वो वाकई सनसनीखेज हैं. सीबीआई अधिकारी ने दावा किया कि ‘एक राज्यमंत्री ने कुछ करोड़ रुपये की रिश्वत ली.’ साथ ही मनीष सिन्हा का दावा है कि उनका तबादला राकेश अस्थाना को मदद पहुंचाने के इरादे से किया गया है. साथ ही नीरव मोदी के मामले की जांच भटकाने की भी जानबूझकर कोशिश की गई. सीबीआई अधिकारी मनीष सिन्हा ने राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ SIT जांच की मांग भी की है..

CJI ने मनीष कुमार सिन्हा की याचिका पर कहा कि आपकी याचिका लिस्ट नहीं होगी, लेकिन मंगलवार की सुनवाई में आप मौजूद रहें. आपको बता दे कि इससे पहले सीबीआई अधिकारी एके बस्सी को अपने ट्रांसफर के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ‘वहां कुछ दिन रहने’ की सलाह मिली थी. बस्सी का अंडमान निकोबार तबादला कर दिया गया था. इसके बाद बस्सी ने अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट से अपने तबादले पर रोक लगवाने में नाकाम रहे.

बस्सी के वकील से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि उनका तबादला कहां किया गया है? जब चीफ जस्टिस को बताया गया कि उन्हें पोर्ट ब्लेयर भेजा गया है तो जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘वह अच्छी जगह है, वहां कुछ दिन रहें’.

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