क्या है शरद पवार पैटर्न, जिससे ED और CBI का मुकाबला कर रहे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आबकारी घोटाले के मामले में बीते दो दिनों से सीबीआई जांच के घेरे में हैं। यहां तक चर्चाएं हैं कि जल्दी ही इस मामले को ईडी को सौंपा जा सकता है। इस बीच कहा जा रहा है कि यह मसला अरविंद केजरीवाल की मिस्टर क्लीन की इमेज को धक्का पहुंचाएगा। लेकिन मनीष सिसोदिया से लेकर अरविंद केजरीवाल तक ने इस पर बैकफुट पर जाने से इनकार किया है। दोनों लगातार ट्विटर और जमीन पर भाजपा के खिलाफ तीखे हमले बोल रहे हैं। मनीष सिसोदिया का कहना है कि भाजपा को अरविंद केजरीवाल से डर है और इसीलिए यह सब किया जा रहा है।

शरद पवार के ऐलान के बाद महाराष्ट्र का सियासी माहौल गरमा गया था और बाद में ईडी की ओर से सफाई दी गई थी कि हम शरद पवार के खिलाफ जांच नहीं करेंगे। हालांकि इस मौके पर शरद पवार द्वारा बनाए गए माहौल का फायदा एनसीपी को विधानसभा चुनाव में मिला। उस समय शरद पवार ने केंद्रीय एजेंसियों से डरे बिना मजबूती से खड़े होने की नींव रखी थी। अब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दिल्ली में ठीक यही करते नजर आ रहे हैं। मनीष सिसोदिया के घर जब से सीबीआई ने छापा मारा है तब से वह खुद सोशल मीडिया पर सारी जानकारी दे रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया तक लगातार इसे अपनी पार्टी की ओर से दिल्ली में किए गए अच्छे काम के खिलाफ केंद्र की साजिश के तौर पर प्रचारित करते रहे हैं। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी पर भी ‘आप’ ने झुकने से इनकार कर दिया था और उलटे केंद्र पर ही हमला बोला था। आम आदमी पार्टी का मानना है कि इससे वह दिल्ली और उससे बाहर के लोगों तक यह संदेश दे सकेगी कि सरकार उसके खिलाफ जानबूझकर जांच बिठा रही है। आम आदमी पार्टी को लगता है कि इन कानूनी मुश्किलों के चलते भले ही उसे कुछ वक्त के लिए परेशानी हो, लेकिन सियासी तौर पर वह तभी नुकसान में जाएगी, जब बैकफुट पर दिखेगी।

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