घर से बाहर तक PM मोदी का डंका: विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए-अप्रूवल रेटिंग 75%, 11वें पायदान पर अमेरिकी राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) सहित दुनिया के तमाम नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। इसके पहले भी पीएम मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने जा चुके हैं।

अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म ‘द मॉर्निंग कंसल्ट’ की सर्वे के अनुसार, PM मोदी की अप्रूवल रेटिंग 75% है। पिछले दो साल से वे इस रेटिंग में टॉप पर बने हुए हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की रेटिंग सिर्फ 41% है और वे विश्व रैंकिंग में 11वें नंबर पर हैं। पिछली बार बाइडेन छठवें नंबर पर थे।

17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच किए गए इस सर्वे में दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्‍ट्रपति आंद्रेस मेनुएल लोपेज ओब्राडोर हैं। उन्हें 63% लोगों ने वोट दिया है। तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बेनेस हैं। अल्बेनेस को 58% मिले हैं।।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लिस्ट में पिछले दो साल से शीर्ष पर बने हुए हैं। इस साल 13 से 19 जनवरी के बीच कराए गए पिछले सर्वे में उनकी अप्रूवल रेटिंग 71% थी और दुनिया भर के नेताओं में टॉप पर थे। इससे पहले सितंबर 2021 में कराए गए सर्वे में भी पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए थे। मई 2020 में उनकी लोकप्रियता रेटिंग 84% थी।

इंडिया टुडे-सी वोटर सर्वे में भी ऊपर

हाल ही में इंडिया टुडे और सी वोटर द्वारा कराए गए सर्वे में प्रधानमंत्री देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में उभरे थे। 53 प्रतिशत भारतीय लोगों ने कहा था कि वे नरेंद्र मोदी को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर भी देखना चाहते हैं।

इस सर्वे में सिर्फ 9 फीसदी भारतीय लोगों ने कहा था कि वे राहुल गाँधी को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 7 फीसदी लोगों की पसंद थे।

यह सर्वे इस साल फरवरी से 10 अगस्त के बीच किया गया था। इस दौरान 1,22,016 लोगों से उनकी राय पूछी गई। सर्वे के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो एनडीए की सरकार का वापसी करना तय है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में BJP की जड़ें गहरी

मेहता स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया, UPES के डीन प्रोफेसर नलिन मेहता ने हाल में अपने लेख में कहा था कि भारतीय राजनीति में बीजेपी की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि 2047 तक उसका वर्चस्व बना रह सकता है।

अपने लेख में उन्होंने रजनी कोठारी के एक लेख का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में कभी जो प्रभुत्व कॉन्ग्रेस का था, उस जगह पर अब बीजेपी आसीन है। कोठारी ने ‘भारत में कॉन्ग्रेस सिस्टम’ नाम से यह लेख 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के कुछ महीने बाद लिखा था।

लेख में कहा गया था कि बहुदलवादी लोकतंत्र होने के बावजूद भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में एक पार्टी का दबदबा है। कॉन्ग्रेस के दबदबे के कारण दूसरी पार्टियाँ मजबूत नहीं हो पाईं हैं। लेकिन मेहता के अनुसार देश की स्वतंत्रता के 50वाँ वर्ष आते-आते यह धारणा काफी हद तक ध्वस्त हो गई।

इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे समय के साथ भाजपा का वोट शेयर देश में बढ़ रहा है। साल 2009 में भाजपा का वोट शेयर नॉर्थ ईस्ट भारत में 12.8% था, लेकिन 2019 में उसका वोट शेयर वहाँ 33.7% हो गया है। पूर्वी भारत में ये 9.3% से 39.7 % बढ़ा है। इसी तरह पश्चिमी भारत में ये वोट शेयर 27.6% से 39.8% हो गया है और दक्षिण भारत में यह 11.9% से 17.9% हो गया है।

उन्होंने 2047 तक भारत में हिंदुत्व के प्रभाव की चर्चा करते हुए अनुमान लगाया कि संभवत: तब तक तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और हो सकता है कि तमिलनाडु में भी भाजपा का कोई न कोई मुख्यमंत्री बन जाए। उन्होंने कहा कि किसी जमाने में जब कॉन्ग्रेस का दबदबा था जब ये हिंदुत्व भाजपा के विस्तार में रोड़ा था, लेकिन आज ये उनका ब्रांड हो गया है। मेहता कहते हैं कि ऐसी उम्मीद है कि भाजपा अगले दो दशक में हिंदुत्व के साथ आगे बढ़ेगी और इस तरह योगी मॉडल कई महत्वाकांक्षी भाजपा नेताओं के लिए एक मिसाल होगा।

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