गांधी परिवार ही चुनेगा कांग्रेस का नया अध्यक्ष, पार्टी के इस कदम से फिर उठे सवाल

Sonia Gandhi. Photo: IANS

नई दिल्ली। कांग्रेस के आला अधिकारियों ने सभी स्टेट यूनिट से कहा है कि वह पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को स्टेट यूनिट और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्यों के प्रमुख के तौर पर नोमिनेट करने के लिए प्रस्ताव पारित करें. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. इसका मतलब अगले महीने होने वाले आंतरिक चुनावों की पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान हो सकता है.

सोनिया गांधी चुनाव पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन जिस चीज ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है, वह उनके बेटे राहुल गांधी के चुनाव नहीं लड़ने का फैसला है. सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी की महासचिव है, उन्हें अध्यक्ष के विकल्प के तौर पर नहीं देखा जा सकता.ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे वफादारों को संभावित गैर-गांधी विकल्पों के रूप में देखा जाता है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राज्य के प्रतिनिधियों को सोनिया गांधी को अगले कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की अनुमति देने का प्रस्ताव पारित करने से कोई नहीं रोक सकता. लेकिन यह कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण पर बाध्यकारी नहीं होगा. चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक नेता ने कहा, “हम प्रस्ताव पारित करने की इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं.”

20 सितंबर से पहले प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध

प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से इस महीने की 20 तारीख से पहले प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया गया है. चुनाव अधिसूचना की प्रक्रिया 22 सितंबर से शुरू हो रही है और मतदान 17 अक्टूबर को है.

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से कुछ दिनों पहले, बुधवार को कहा कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए व्यापक सहमति बनाई जानी चाहिए और किसी भी स्थिति में संगठन से जुड़े मामलों में नेहरू-गांधी परिवार का महत्व बना रहेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस चुनाव में गांधी परिवार से इतर कोई और अध्यक्ष चुना जाता है तो भी सोनिया गांधी वह व्यक्ति होंगी जिनकी ओर हर व्यक्ति उम्मीद से देखेगा और राहुल गांधी पार्टी के वैचारिक केंद्रबिंदु बने रहेंगे. रमेश ने इस धारणा को भी सिरे से खारिज कर दिया कि किसी अन्य व्यक्ति के अध्यक्ष बनने पर भी राहुल गांधी ‘बैकसीट ड्राइविंग” (पीछे से चलाने) का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उदार और लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस के कुछ नेताओं की, आलाकमान संस्कृति से जुड़ी दलील को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था के बिना पार्टी में अराजकता पैदा हो जाएगी.

 

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