रामचरित मानस पर घमासानः सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने बताया स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्यों दिया बयान, क्या है मंशा?

लखनऊ। रामचरित मानस पर बिहार से यूपी तक घमासान मचा है। पहले बिहार और अब यूपी में इसे लेकर वार-पलटवार जारी है। पूर्व मंत्री और स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद भले ही सपा ने भी पल्ला झाड़ लिया हो लेकिन विरोधी दलों का हमला जारी है। इस बीच सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने मंगलवार को बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्यों इस तरह का बयान दिया है।

राजभर ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मौर्य जब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में थे तब उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आई जिससे मजबूर होकर उन्होंने राम की शरण में आकर भाजपा के नेतृत्व में अपनी बेटी को सांसद बना लिया और स्वयं पांच वर्ष तक सत्ता में मंत्री के रूप में कार्यरत रहे।

उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के लोगों को डरा कर उनसे वोट ले लिया लेकिन उनके हित के लिए कोई काम नहीं किया। सभी लोग भाजपा से पूछते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लिए सरकार क्या कर रही है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है, जो सभी लोग भली भांति जानते हैं।

उन्होंने ‘बागेश्वर धाम’ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर लग रहे आरोपों को लेकर कहा कि आरोप और प्रत्यारोप लगाना एक अलग विषय है, कोई भी संत या कोई कथावाचक आपस में बैर रखना नहीं सिखाता है। जो भी व्यासपीठ पर बैठता है वह ज्ञान और उपदेश ही देता है। अब उसे सुनने वालों के चश्मे की पावर अलग-अलग होती है। कुछ लोग उसमें बुराई ढूंढते हैं तो कुछ लोग उससे सीख लेते हैं जो लोग आरोप लगा रहे हैं वह लोग पहले अपना चश्मा सही करें।

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