‘…दोष उसका नहीं’, रामचरितमानस विवाद पर बोले राम मंदिर ट्रस्ट के दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल

लखनऊ। रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सियासी घमासान मचा है. सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त की है तो वहीं साधु-संत भी आक्रोशित हैं. ओबीसी के कुछ संगठन स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं और सपा कार्यालय के करीब ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’ के पोस्टर भी नजर आए.

उन्होंने कहा कि हर जीव में सीता और राम के दर्शन कर तुलसीदास ने वंदन किया है. उन्होंने कहा कि शूद्र क्या, हर जीव इसमें शामिल हैं. कामेश्वर चौपाल ने कहा कि भारत का दर्शन है कि कण-कण में शंकर हैं. उन्होंने कहा कि अब कोई सूर्य के अस्तित्व को नकार दे तो क्या कहें. रामचरितमानस के साथ भी ऐसा ही है.

कामेश्वर चौपाल ने कहा कि अगर कोई इसको देख नहीं पा रहा है तो उसका दोष नहीं है. इसका मतलब ये है कि उसको वह दिखाई नहीं पड़ रहा है. उन्होंने राम मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका को लेकर कहा कि प्रभु की इच्छा जो मेरे जैसे लोगों का अपने काम में उपयोग किया. कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम के काम से बड़ा कोई काम नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस जीवन में मेरे लिए मेरे लिए इससे बड़ा कोई काम नहीं है. गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल राम मंदिर ट्रस्ट के एक मात्र दलित सदस्य हैं. वे साल 1989 से ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. कामेश्ववर चौपाल ने साल 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में शिला दान कर पहली कारसेवा की थी. रामचरितमानस विवाद के बीच कामेश्वर चौपाल ने नाम लिए बिना स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज किया है.

स्वामी प्रसाद ने क्या कहा था

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए कहा था कि अपनी खुशी के लिए तुलसीदास ने इसकी रचना की थी. उन्होंने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर सवाल उठाते हुए इन्हें दलित और महिला विरोधी बताया था और इस ग्रंथ से इन चौपाइयों को हटाने या इसे बैन करने की मांग की थी. स्वामी प्रसाद के इसी बयान पर घमासान मचा हुआ है.

समाजवादी पार्टी भी खुलकर स्वामी प्रसाद मौर्य के पीछे खड़ी हो गई है. सपा की नवगठित कार्यकारिणी में स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. अखिलेश यादव ने एक धार्मिक यज्ञ में शामिल होने जाते समय अपने विरोध को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था और आरोप लगाया था कि सत्ताधारी पार्टी वाले पिछड़ों को शूद्र मानते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *