जानिए, आखिर निवेशकों को क्यों लुभा रहा यूपी? CM योगी के प्रयासों ने कैसे बदली प्रदेश की सूरत? पढ़ें 5 बड़ी वजह…

लखनऊ। यूपी में 10 से 12 फरवरी को निवेश का महाकुंभ लगने वाला है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ करेंगे. शुक्रवार को भारत के नामचीन उद्योगपतियों का आगमन राजधानी लखनऊ में होने जा रहा है. प्रदेश में योगी सरकार के आगमन के बाद यूपी की दशा और दिशा में काफी बदलाव हुआ है.

साल 2017 के बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों के परिणामस्वारूप उत्तर प्रदेश निवेश का गंतव्य बनकर उभरा है. आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश की कुछ खासियतें जो इसे नए भारत का ग्रोथ इंजन बनाती हैं. इन्हीं बदलावों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश 10 लाख करोड़ से अधिक निवेश के लिए पूरी तरह से तैयार है. निवेश के हब के रूप में उभर रहा उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर चल पड़ा है.

  • उत्तर प्रदेश की 56% आबादी काम करने और रोजगार हेतु पूरी तरह सक्षम है. यूपी की कार्यशील आयु जनस्संख्या 56 फीसद है. ऐसे में राज्य में उद्योग जगत के अनुकूल मानव श्रम की प्रचुरता है. यह 56 फीसद आबादी उद्योग के लिए आवश्यक मानव श्रम के हर मानदंडों को पूरा करती है.
  • महाराष्ट्र और तमिल नाडु के बाद से उत्तर प्रदेश भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थावा वाला राज्य बना है. यहां की जीडीपी 210 बिलियन यूएस डॉलर है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत है. उसी क्रम में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन भी इन्ही प्रयासों का एक हिस्सा है.
  • उत्तर प्रदेश के साल दर साल निर्यात 18 फीसद के आस-पास ग्रोथ का आंकड़ा प्रदर्शित करता है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश विकास की दिशा में तेजी के साथ गतिमान हुआ है. निर्यात बढ़ने का ही परिणाम है कि भारत की जीडीपी में यूपी की हिस्सेदारी 8 फीसद से अधिक है.

    • निवेश मित्र भारत की अग्रणी सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम में से एक है. इस व्यवस्था के जरिए यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश का स्थान काफी सुधरा है. उत्तर प्रदेश इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है.

    • उद्योग जगत में बेहतर प्रदेश के रूप में उभरने की क्षमता रखने वाले उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एमएसएमई हैं. इसके अलावा कनेक्टिविटी के मामले में उत्तर प्रदेश का कोई सानी नहीं हैं. एक्सप्रेसवे के नेटवर्क के आच्छादित यूपी, हवाई मार्ग से परिवहन के लिए एयरपोर्ट्स की भी बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी प्रदाता है.

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