बंगाल के पंचायत चुनाव में नामांकन करने गए 3 लोगों को मारी गई गोली, 1 की मौत: कोलकाता HC ने कहा- सभी जिलों में तैनात हों केंद्रीय बल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) शासित पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जब भी कोई चुनाव होता है, उसके पहले या बाद में हिंसा भड़क उठती है। इसी तरह पंचायत चुनाव से पहले एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है।

राज्य में हिंसा को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के दौरान राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (Central Paramilitary Forces) को तैनात करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग 48 घंटे के भीतर केंद्र से केंद्रीय बलों के लिए अनुरोध करे।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहाँ केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है, वहाँ शांति और सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को मतदान एजेंटों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। SEC को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की माँग पर विचार करना चाहिए।

वहीं, हाईकोर्ट ने नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने के अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि समय बढ़ाने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग को करना चाहिए और वह निर्णय लेने में सक्षम है। इससे पहले SEC ने कोर्ट को बताया था कि वह नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि एक दिन बढ़ाकर 16 जून कर सकता है।

इन सबके बीच नामांकन दाखिल करने के दौरान गुुुरुवार (15 जून 2023) को राज्य में कई जगहों पर हिंसा देखने को मिली। उत्तरी दिनाजपुर जिले में चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे तीन लोगों को गोली मार दी गई। इनमें से एक की मौत हो गई है। वहीं, दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सीपीआई (एम) ने दावा किया कि तीनों व्यक्ति वाम मोर्चा और कॉन्ग्रेस समर्थक थे। वहीं, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि राज्य में भयंकर स्थिति है। इस स्थिति में चुनाव होना नामुमकिन है। सेंट्रल फोर्स की जरूरत है।

इससे पहले नामांकन के पहले दिन यानी शुक्रवार (9 जून, 2023) को मुर्शिदाबाद जिले में स्थानीय कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया था कि हत्या तृणमूल कॉन्ग्रेस ने हत्या करवाई है। इसके बाद 10 जून को टीएमसी, सीपीएम और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसा के बीच पुलिस ने TMC नेता बशीर मुल्ला को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था।

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