नेता प्रतिपक्ष का पद क्यों छोड़ना चाहते हैं शरद पवार के भतीजे अजित, NCP में क्या चल रहा?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि वह पार्टी संगठन में काम करना चाहते हैं। अजित पवार ने कहा, “मैंने पार्टी में कई सालों तक काम किया है। मैंने कई पदों पर काम किया है। नेता प्रतिपक्ष का पद वह नहीं है जिसकी मैंने मांग की थी। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले पार्टी विधायकों के आग्रह पर मैंने यह पद चुना…लेकिन अब मैं नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना चाहता हूं।’ अजित पवार ने मुंबई के शनमुखानंद हॉल में राकांपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, “मैं अनुरोध करता हूं कि मैं अब पार्टी संगठन में एक पद पर काम करना चाहता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको सर्वश्रेष्ठ परिणाम दूंगा और मैं आपको दिखाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं। आप मुझे जो भी पद देंगे मैं उसे स्वीकार कर लूंगा। लेकिन मैं आपको दिखाना चाहता हूं कि मैं संगठन में क्या कर सकता हूं।”

अजित की इस्तीफे की पेशकश ऐसे समय में आई है जब एक महीने पहले पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के कड़े विरोध और मांगों के बाद उन्हें अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। एक महीने बाद, उन्होंने राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्षों के रूप में घोषित किया।

मैं हां या ना में बात समाप्त करता हूं- अजित

चौंकाने वाली पेशकश के बाद अजित पवार ने बताया कि कैसे उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी के कई विधायकों की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बिना देरी किए फैसले लिए। उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि मैं मंत्रालय में कैसे काम करता हूं। हां या ना में बात समाप्त करता हूं। मैंने 2019 के विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।”

इससे पहले, अजित पवार ने बताया था कि कैसे एक शक्तिशाली राष्ट्रीय नेता होने के बावजूद, एनसीपी राज्य में अकेले दम पर सत्ता हासिल करने में कामयाब नहीं हुई। उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए नहीं हुआ क्योंकि हम कहीं न कहीं चूक रहे हैं। हमें अपनी समस्याओं को दूर करना चाहिए। अब पार्टी को सत्ता में लाने का समय आ गया है।”

जब शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी तब अजित पवार ही अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने खुले तौर पर और सार्वजनिक रूप से पवार के इस्तीफे को स्वीकार करने के पक्ष में बात कही थी। उन्होंने कहा था कि उनकी (शरद पवार की) उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए, पद छोड़ने की उनकी इच्छा का पार्टी द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, राजनीति गलियारों में पिछले दिनों खूब चर्चा हुई थी कि अजित पवार महाराष्ट्र में भाजपा सरकार में शामिल होने पर विचार कर रहे थे। साथ ही राकांपा विधायकों का एक वर्ग भी कथित तौर पर उनके साथ जाने को तैयार था। चर्चा थी कि उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी। हालांकि बाद में खुद अजित पवार ने इस खबरों पर विराम लगा दिया। अजित पवार के बारे में कहा जाता है कि वे संगठन के आदमी हैं, मेहनती हैं और कई विधायक उनके प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं। लेकिन अपने चाचा के खिलाफ खड़ा होना उनके पक्ष में नहीं जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *