लिव-इन का डिक्लेरेशन, हलाला-इद्दत पर रोक, 2 से अधिक बच्चों पर छिनेंगे वोटिंग अधिकार… UCC पर उत्तराखंड आज कर सकता है बड़ा ऐलान

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर हलचल तेज हो गई है। उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल है जिसने यूसीसी को लागू करने के पक्ष में सबसे पहले वकालत की थी। उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर ड्राफ्ट तैयार कराया गया है। इस ड्राफ्ट को तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे प्रेस कांफ्रेंस करेगी। इसमें ड्राफ्ट से जुड़ी अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।

बीजेपी ने घोषणा पत्र में किया था वादा

बता दें कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। बीजेपी ने इसे अपने संकल्प पत्र में भी शामिल किया गया था। चुनाव के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार बनी तो उन्होंने यूसीसी को लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। जानकारी के मुताबिक कमेटी ने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

दो से अधिक बच्चे तो नहीं डाल पाएंगे वोट?

सूत्रों का कहना है कि समान नागरिक संहिता का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें जनसंख्या नियंत्रण को भी शामिल किया गया है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक अगर किसी के दो से अधिक बच्चे हुए तो उन्हें वोटिंग के अधिकार से वंचित रखा जा सकता है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों को सरकारी सुविधाओं से भी दूर रखा जा सकता है। इसमें सरकारी नौकरी भी शामिल है। बता दें कि इस ड्राफ्ट के लिए एक्सपर्ट कमेटी की ओर से लोगों से सुझाव मांगे गए थे। लोगों से मिले सुझाव के बाद इस ड्राफ्ट को तैयार किया गया है।

यूसीसी से होंगे ये बड़े बदलाव

उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें शादी से लेकर तलाक तक से मामलों को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस ड्राफ्ट के अनुसार, शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी और लिव इन रिलेशनशिप का ब्योरा देना जरूरी होगा। इतना ही नहीं इस ड्राफ्ट में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी बातें शामिल की गई हैं।

उत्तराखंड के UCC ड्राफ्ट में क्या-क्या शामिल?

उत्तराखंड में अब लिव इन में रहने के लिए डिक्लेरेशन देना जरूरी हो सकता है। इसकी जानकारी माता-पिता को भी दी जाएगी। इसके अलावा शादी के लिए लड़कियों की उम्र सीमा भी बढ़ाई जाएगी। शादी का हर हाल में रजिस्ट्रेशन ज़रूरी किया जाएगा। अगर कपल ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए ग्राम स्तर पर शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी। तलाक के लिए पति-पत्नी दोनों को समान आधार दिया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि तलाक का आधार पति-पत्नी दोनों पर होगा लागू होगा।

पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगाई जाएगी। इतना ही नहीं इस ड्राफ्ट में हलाला और इद्दत को भी शामिल किया गया है। ड्राफ्ट में इस पर रोक लगाई गई है। यूसीसी के ड्राफ्ट में उत्तराधिकार को लेकर भी लड़कियों को लड़कों के बराबर हिस्सा देने की बात कही गई है। सरकार अनाथ बच्चों के लिए गार्जियनशिप प्रक्रिया को और आसान बनाने जा रही है। पति-पत्नी में झगड़े के बाद ग्रैंड पेरेंट्स को बच्चों की कस्टडी की बात कही गई है। वहीं बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा।

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