हरियाणा के मेवात-नूंह इलाके में सोमवार को एक धार्मिक यात्रा निकलने के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई. हिंसा में दो होमगार्ड समेत चार लोगों की मौत हुई है. जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने थाने से लेकर अस्पताल और दुकानों को भी नहीं बख्शा. सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. देखते ही देखते हिंसा सोहना से गुरुग्राम तक फैल गई. हिंसा पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि हिंसा के कई दिन पहले से सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों में बहस चल रही थी. एक दूसरे को चुनौती दी जा रही थी. ऐसे में हरियाणा पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि नूंह जैसे संवेदनशील इलाके में जब ये सब हो रहा था, तब पुलिस क्या कर रही थी?
नूंह में हिंदू संगठनों की तरफ से तय था कि ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी. तय प्लान के मुताबिक मेवात में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी, तभी यात्रा पर पथराव हो गया. इस बृजमंडल यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे. मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी. इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि वह खुद भी इस रैली में शामिल होगा. हालांकि, मोनू मानेसर इस यात्रा में नहीं आया, लेकिन बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के शामिल होने पर तनाव बढ़ा. नूंह में दूसरे पक्ष के लोगों ने जमकर बवाल काटा और पथराव किया. देखते ही देखते इलाके में हिंसा फैल गई.
पुलिस भी बनी हिंसा का शिकार
– नूंह में पुलिस बल तक हिंसा पर काबू पाने के लिए कम पड़ गया. ऐसे में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में गुरुग्राम से मेवात फोर्स भेजा गया. तो इस बीच हमलावरों ने मेवात से गुरुग्राम जा रहीं पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव कर दिया. इस हमले में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए तो वहीं होमगार्ड नीरज (थाना खेड़की दौला) व होमगार्ड गुरसेवक (थाना खेड़की दौला) की मौत हो गई. अन्य सभी घायल पुलिसकर्मियों का मेदांता हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
– इसके अलावा भीड़ ने नूंह के साइबर थाने पर भी हमला किया. यहां तैनात सिपाही ने बताया कि हजारों की संख्या में भीड़ थी. थाने के बाहर गाड़ियों में तोड़फोड़ कर आगजनी की गई. भीड़ ने थाने का गेट तोड़ने की कोशिश की, जब नहीं टूटा तो बस ले आए. बस से थाने की दीवार तोड़ी गई. इसके बाद पथराव किया गया.
दोनों ओर से सोशल मीडिया पर दी जा रही थीं धमकियां
हरियाणा का मेवात-नूंह इलाका गो-तस्करी के विवाद में पहले से बेहद संवेदनशील रहा है. हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह इस बार भी शोभायात्रा निकालने का ऐलान किया था. मोनू मानेसर ने लोगों से बजरंग दल के सदस्यों द्वारा निकाली जाने वाली शोभा यात्रा में शामिल होने की अपील की थी. मोनू मानेसर ने कहा था कि वह इस शोभायात्रा में शामिल होगा, उसके साथ उसकी टीम भी शामिल होगी. हालांकि, मोनू शामिल नहीं हुआ. जबकि बिट्टू बजरंगी इसमें शामिल हुआ और उसने इसका वीडियो भी शेयर किया.
This is Monu Manesar,a hindu vigilante affiliated to PM Modi’s party BJP who burnt alive a Muslim man.
Now he is taking out rally in #Mewat inspite of being wanted by the police and hindus belong to RSS, VHP have already started attacking Muslim households. pic.twitter.com/FTsjIE4a8r— Tanvir (@Tanvir_Ansari) July 31, 2023
इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने गुस्सा जताया था. इतना ही नहीं मोनू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें न सिर्फ मोनू को आने की चुनौती दी गई थी, बल्कि धमकियां भी दी गई थीं. मोहम्मद साबिर खान नाम से बने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर किया गया था. इसमें कुछ सिलेंडर रखे दिखाए गए थे.
इसमें जुनैद को इंसाफ दिलाने की बात कही गई थी. वीडियो में शख्स कहता दिख रहा है कि तुझे ऐसा उड़ाएंगे कि शव भी नहीं मिलेगा. वहीं, सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें आरिफ नाम का एक शख्स मोनू को नूंह आने की चुनौती दे रहा है. इस वीडियो में वह समुदाय को एकजुट होने की भी बात कह रहा है.
विधायक का दावा, विवादित वीडियो की वजह से हुई हिंसा
उधर, नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि इंटरनेट पर विवादित वीडियो वायरल होने से हिंसक घटनाएं हुईं. यहां यात्रा पहले भी निकलती थी और सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों धर्मों के लोग शामिल होते थे.
आफताब अहमद ने कहा, मेरा मानना है कि एक साजिश के तहत वीडियो बनाकर मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी ने वायरल किए. इसके चलते यहां का माहौल खराब हुआ और हिंसक घटनाएं हुईं. पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से नाकाम रहा. हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
ओवैसी ने भी साधा निशाना
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी हरियाणा पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, एक क्रिमिनल (मोनू मानेसर) वीडियो जारी कर लोगों को हिंसा करने के लिए उकसा रहा है. ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि वह (मोनू मानेसर) खुली तौर पर घूम रहा है. लेकिन उसने हरियाणा या राजस्थान पुलिस नहीं पकड़ रही है. इस हिंसा में एक मस्जिद भी जला दी गई. एक इमाम और होम गार्ड के दो जवानों की मौत हो गई. कई पुलिसवाले भी मारे गए. इसके बाद भी हरियाणा सरकार निश्चिंत है, क्योंकि राज्य में चुनाव हैं.
हिंसा को लेकर पुलिस पर उठ रहे ये सवाल
– नूंह जैसे संवेदनशील इलाके में शोभायात्रा की इजाजत क्यों दी गई?
– अगर शोभायात्रा की इजाजत दी गई, तो क्या सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे?
– शोभायात्रा को लेकर जब दोनों ओर से धमकियां दी जा रही थीं, तब पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
– मोनू मानेसर खुलेआम वीडियो डालता है, जबकि वह हत्या के मामले में आरोपी है, फिर भी पुलिस उसे गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही?
हरियाणा में अब तक क्या क्या हुआ?
– हरियाणा के मेवात-नूंह में धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा हुई. पथराव किया गया. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने थाने से लेकर अस्पताल और दुकानों पर भी हमला किया. इतना ही नहीं एक मंदिर में सैकड़ों लोगों को भीड़ ने बंधक बना लिया. इसके बाद पुलिस ने पहुंचकर सभी को आजाद कराया.
– नूंह के बाद हिंसा की आग सोहना, फरीदाबाद से गुरुग्राम तक फैली. , फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम में धारा 144 लगाई गई. स्कूलों को बंद कर दिया गया.
– नूंह में हिंसा में दो होमगार्ड समेत 4 लोगों की मौत. 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए. इसके बाद नूंह में कर्फ्यू लगाया गया. इंटरनेट को बंद किया गया. अर्धसैनिक बलों की 20 टुकड़ियों को तैनात किया गया है.
– नूंह में अब स्थिति काबू में है. हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई है.
– पड़ोसी हरियाणा में हिंसा को देखते हुए राजस्थान का भरतपुर अलर्ट पर है. यहां इंटरनेट को बंद कर दिया गया.