कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. साथ ही CM ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि मैं अपने राज्य में NRC लागू नहीं होने दूंगी. वे बोलीं कि हम रवीन्द्रनाथ टैगोर और नेता जी सुभाष चंद्र बोष का अनुसरण कर रहे हैं. भाजपा पर हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा हिंदू के नाम पर स्वामी विवेकानन्द की विचारधारा को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. इस देश में सभी क्षेत्रों का बहुत बड़ा योगदान रहा है.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के इमाम और मुआज्जिम को लेकर बुलाई कॉन्फ्रेंस पर भी राजनीतिक घमासान छिड़ गया है. विरोधी पार्टियों ने इस कॉन्फ्रेंस के मद्देनजर ममता पर खुलकर तुष्टिकरण और वोट की राजनीति का आरोप लगा दिया है. बता दें कि ममता बनर्जी ने आज कोलकाता में समूचे बंगाल के इमाम और मुआज्जिम की बड़ी कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में इमाम और मुआज्जिम कोलकाता पहुंचे.
खासतौर पर I.N.D.I.A. गठबंधन की सहभागी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला है. अधीर ने ममता से मुसलमानों के समग्र विकास के लिए श्वेतपत्र जारी करने की मांग कर दी है.
कांग्रेस नेता ने CM ममता से पूछे सवाल
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि इमाम और मुआज्जिम को लेकर बंगाल की CM ने राजनीति शुरू कर दी है. मैंने पहले ही आपको कहा था कि अगर दीदी सच में बंगाल के मुसलमानों को चाहती हैं तो फिर बताएं कि मल्टी सेक्टर डेवलपमेंट का रुपया कैसे और किस पर खर्च हुआ है. आप बताएं कि आपके राज में यहां के कितने मुसलमानों को नौकरी मिली है. कितने मुसलमान आपकी सहायता से उद्योगपति हुए और व्यापार किया. कितने शिक्षित हुए बताएं.
अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी से सवाल करते हुए पूछा कि आप मुसलमानों को बताएं कि इस राज्य में वक्फ संपत्ति की संख्या कितनी है और वो कहां-कहां हैं. साथ ही यह भी बताएं कि मुसलमानों के स्वार्थ के लिए कितना इस्तेमाल किया गया. हमें जवाब चाहिए. सारे तथ्य यहां छुपे हुए हैं वक्फ को लेकर कुछ नहीं बताया जाता. ममता बनर्जी को श्वेत पत्र देकर बताना चाहिए कि वक्फ संपत्ति को बेचकर कितने प्रमोटर करोड़पति हो गए और इनमें से कितने आपकी पार्टी के हैं.
‘सीएम श्वेतपत्र जारी करें…’
कांग्रेस नेता ने पूछा कि सीएम ममता बताएं कि उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया गया. मुस्लिम समाज को कुछ रुपए देकर अपना प्रतिनिधि मत बनाइए. मुसलमान समाज के इमाम और मुआज्जिम आपसे और हमसे पहले भी थे और बाद भी रहेंगे. इस्लाम शास्वत धर्म है. जिस दिन से शुरू हुआ, जिस दिन से मस्जिद है उसी दिन से इमाम मुआज्जिम हैं. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये किसी की दया पर नहीं हैं. आज मुसलमान समाज को इमाम के जरिए जिस तरह से चलाने की कोशिश हो रही है, उससे मुसलमान समाज का नुकसान होगा. मुसलमान समाज एक तरफ है और पार्टी एक तरफ. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मुसलमान समाज और पार्टी को एक करके समूचे मुसलमान समाज को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने में जुटी हुई है. वे सोच रही हैं कि इमाम और मुआज्जिम के प्रति ग्रामीण मुसलमानों की कमजोरी है.
इस मुद्दे पर बीजेपी ने भी ममता पर मुसलमानों का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगा दिया है. बीजेपी की विधायक अग्निमित्र पाल ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ने मुसलमानों के लिए काम नहीं किया है और उनका राजनीतिक इस्तेमाल किया है. अग्निमित्र पाल के मुताबिक ममता के राज में बंगाल में सरकारी नौकरी में मुसलमानों का प्रतिशत घटकर 1 प्रतिशत हो गया है, जो वाम मोर्चा के शासनकाल में 4 प्रतिशत हुआ करता था. बंगाल में इमामों को ढाई हजार प्रति महीने और मुज्जिमों को एक हजार रुपये प्रति महीने भत्ता ममता सरकार देती है. इमाम और मुआज्जिम कई सालों से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. खासतौर पर जबसे ममता ने दुर्गा पूजा कमेटियों को पचास हजार रुपये देने का ऐलान किया है तबसे इमाम भत्ता बढ़ाने की उम्मीदें भी परवान चढ़ रही हैं.