मुसलमान देश इजरायली राजदूतों को निकालें, तेल के लिए भी तरसा दें; आर-पार के मूड में ईरान

मुसलमान देश इजरायली राजदूतों को निकालें, तेल के लिए भी तरसा दें; आर-पार के मूड में ईरान गाजा पट्टी के एक अस्पताल में विस्फोट के बाद से स्थिति काफी बदल गई है। इस्लामिक देश इजरायल को इसके लिए दोषी मान रहे हैं। हमास का दावा है कि इजरायल द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, इजरायल ने हमार के दावे का खंडन किया है। अब ईरान ने मुस्लिम देशों से इजरायली राजदूतों को अपने देश से निकालने और इजरायल पर तेल प्रतिबंध लगाने की बात कही है। विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की टिप्पणी के बाद पहली बार इजरायल में तेल प्रतिबंध पर चर्चा शुरू हो गई है।

ईरान ने इस्लामिक देशों से आग्रह किया है कि वे इजरायल को तेल की आपूर्ति रोक दें। ईरान के विदेश मंत्री होसैन ने कहा, “इजरायल देश को तेल का निर्यात के साथ-साथ इस्लामिक देशों द्वारा इजरायल के बीच मौजूद किसी भी प्रोजेक्ट को तुरंत रोका जाना चाहिए।” हालांकि, इस बयान के बाद किसी इस्लामिक देशों ने अपनी सहमति नहीं जाहिर की है।

उल्लेखनीय है कि ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने सऊदी अरब के जेद्दा में 57 देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन की एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है।

उल्लेखनीय है कि गाजा के अस्पताल में विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए हैं जिसके लिए हमास और इजराइल दोनों ने एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। इजराइल ने दावा किया है कि ‘इस्लामिक जिहाद’ की ओर से दागा गया रॉकेट गलत दिशा में चला गया और यह घटना घटी। हालांकि, संगठन ने इस दावे को खारिज कर दिया है। अस्पताल में विस्फोट होने के बाद इजरायल के उसकी रक्षा के अधिकार के लिए समर्थन जुटाने के अमेरिका के नेतृत्व वाले राजनयिक प्रयास पटरी से उतर गए हैं और जॉर्डन के अम्मान में राष्ट्रपति बाइडन और अरब नेताओं के बीच प्रस्तावित शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया है।

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