बिहार के डिप्टी CM रहते हुए भी तेजस्वी यादव पीते थे दारू, राजद MLC ने ही स्टिंग में खोल दी थी पोल: अब जाँच की माँग ने पकड़ा जोर

तेजस्वी यादव, नीतीश कुमारवैसे तो बिहार में शराबबंदी है। पर राजद नेता तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री रहते हुए भी शराब पीते थे। यह खुलासा एक स्टिंग में उनकी ही पार्टी के विधान पार्षद रहे रामबली सिंह ने किया था। अब जब बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बन चुकी है तो इसकी जाँच की माँग ने जोर पकड़ लिया है।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी ने इस आरोप की जाँच की माँग की है। उन्होंने कहा है कि बिहार में जब पूर्ण मद्यनिषेध का कानून लागू है, तब पिछली सरकार के समय उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर शराब पीने का आरोप एक गंभीर मामला है। राज्य सरकार को इसकी विस्तृत जाँच करानी चाहिए।

सुशील मोदी ने कहा है, “तेजस्वी यादव के पद पर रहते उनकी ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने यदि आरोप लगाए तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे। उन्होंने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त या बहाल करना सभापति का विशेषाधिकार है, लेकिन शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की जाँच तो सरकार करा ही सकती है।”

बीजेपी नेता ने कहा है कि बिहार में 2016 से ही शराब पीने, रखने और उसका कारोबार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। कानून तोड़ने पर आम लोगों को दंडित भी किया जाता है। डिप्टी सीएम रहते हुए शराबबंदी कानून को लागू कराना तेजस्वी यादव की जिम्मेदारी थी। ऐसे में उन पर ही कानून तोड़ने का आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है।

गौरतलब है कि रामबली सिंह के जिन आरोपों का सुशील मोदी हवाला दे रहे हैं वह दिसंबर 2022 में एक स्टिंग के दौरान सामने आए थे। यह स्टिंग एबीपी न्यूज ने किया था। उस समय बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतें हुई थी। स्टिंग ऑपरेशन में रामबली सिंह ने कहा था कि शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी की सुनना नहीं चाहते हैं, जबकि सभी लोग मानते हैं कि इस नीति की समीक्षा होनी चाहिए।

रामबली सिंह ने कहा था, “शराबबंदी के बावजूद शराब मिल रहा है। तेजस्वी भी नहीं बोल पाते हैं नीतीश जी के सामने। तेजस्वी खुद दारू पीते हैं तो वो क्यों नहीं चाहेंगे कि दारू मिलनी शुरू हो।” स्टिंग कर रहे रिपोर्टर ने तेजस्वी यादव का नाम सुनने के बाद दोबारा पूछा, “पीते हैं तेजस्वी जी?” इस पर रामबली सिंह ने जवाब दिया, “आधे से ज्यादा मंत्री और विधायक माननीय पीते हैं, आधे से ज्यादा ऑफिसर शराब पीते हैं। बंदी तो यहाँ दिखाने के लिए है। रात में जाकर पता कीजिए कितने ऑफिसरों के यहाँ दारू चल रहा है।”

रामबली सिंह के इन आरोपों पर तब कोई जाँच नहीं हुई थी। हालाँकि, उनके इस बयान के बाद उनसे पार्टी की नाराजगी सामने आई थी। नवम्बर 2023 में उनकी विधान परिषद सदस्यता रद्द करवाने के लिए राजद के सचेतक सुनील सिंह ने विधान परिषद अध्यक्ष को आवेदन दिया था। पार्टी ने विधान परिषद अध्यक्ष को दिए गए अपने आवेदन में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप रामबली सिंह पर लगाए थे।

रामबली सिंह ने इस सम्बन्ध में अपनी सफाई भी विधान परिषद में पेश की थी, लेकिन मंगलवार (6 फरवरी, 2024) को उनकी विधान परिषद् सदस्यता रद्द कर दी गई। सदस्यता रद्द किए जाने के बाद से वह चर्चा में हैं और उनके द्वारा तेजस्वी यादव पर लगाए गए आरोपों की जाँच की माँग तेज हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *