अकूत संपत्ति, गुंडों की सेना और खौफ का साम्राज्य… बांग्लादेश से आया था, ईंट-भट्ठा पर मजदूरी की… शाहजहां शेख कैसे बन गया संदेशखाली का डॉन?

TMC नेता शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है.पश्चिम बंगाल पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमले के आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया है. शाहजहां 55 दिन से फरार चल रहा था. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाओं ने उस पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है. शाहजहां का इलाके में खौफ होने की शिकायतें आई हैं. उस पर जमीनों पर कब्जे और गुंडई करने के भी आरोप लगे हैं. शाहजहां सालों पहले बांग्लादेश से संदेशखाली आया था और यहां ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करने जीवन-यापन करने लगा था. कुछ ही समय में यहां का डॉन बन गया और अकूत संपत्ति जुटा ली. जानिए शाहजहां शेख के खौफ के साम्राज्य की कहानी…

पहले जान लीजिए कि शाहजहां शेख पर ईडी का शिकंजा क्यों कसा? दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इस मामले में सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया. बाद में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या की भी संलिप्तता सामने आई. इस सिलसिले में 5 जनवरी को ईडी की टीम जब शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां उसके गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था. 200 से ज्यादा लोगों ने अधिकारियों और उनके साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को घेर लिया था. अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी. हमले में ईडी के तीन अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता घायल हो गए थे.

‘ईडी अफसरों के मोबाइल तक लूट गए थे शाहजहां के गुर्गे’

इस घटना में आरोपियों के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी. बंगाल पुलिस ने घटना से संबंधित तीन एफआईआर दर्ज की थीं, इनमें से एक शिकायत स्थानीय लोगों के आधार पर दर्ज की गई थी. बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने दखल दिया और जांच एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस की जांच पर 31 मार्च तक रोक लगा दी थी. ईडी का कहना था कि उसके तीन अधिकारी घायल हो गए. उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और वॉलेट उस समय ‘लूट’ लिए गए. मुख्य आरोपी शाहजहां शेख फरार चल रहा था.

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‘ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी है शाहजहां’ 

5 जनवरी के हमले के बाद ईडी की टीम ने टीएमसी के पूर्व बोंगगांव नगर पालिका अध्यक्ष शंकर आद्या को गिरफ्तार किया था. आद्या और शाहजहां को पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है. आद्या को भी राशन घोटाले में आरोपी बनाया गया है. इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने आद्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की जांच की थी. उन्हें बोनगांव के सिमुलटोला में आवास से गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि पूरा घोटाला 10 हजार करोड़ रुपये का है. इसमें से करीब 2 हजार करोड़ रुपये अवैध रूप से दुबई भेजे गए थे. ईडी ने आरोप लगाया कि शंकर आध्या की कंपनी के जरिए विदेशों में धन की तस्करी की गई थी. शंकर आध्या की संलिप्तता ज्योतिप्रिय मलिक के एक पत्र के जरिए सामने आई.

‘बांग्लादेश से आया, बंगाल में मजदूरी की और बन गया नेता’

अब जान लीजिए कि शाहजहां शेख की बांग्लादेश से बंगाल आने और यहां अपना साम्राज्य खड़ा करने की कहानी. स्थानीय सूत्र बताते हैं कि शाहजहां शेख सालों पहले बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल आ गया था.  चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां का आज भी वहां घर है. उत्तर 24 परगना का संदेशखाली इलाका बांग्लादेश की सीमा से सटा है. इसलिए वो यहां रहकर जीवन-यापन करने लगा. शुरुआत में उसने यहां खेतों और ईंट-भट्ठा पर मजदूरी की. इसके अलावा, शाहजहां ने नाव और सवारी गाड़ी भी चलाई. यह सिलसिला कुछ सालों तक चलता रहा. उस समय पश्चिम बंगाल की राजनीति में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी शीर्ष पर थी. स्थानीय लोग बताते हैं कि साल 2002 में शाहजहां ने ईंट-भट्ठा के मजदूरों की यूनियन बनाई और उसका नेता बन गया. यूनियन के नेता होने से इलाके में सक्रियता बढ़ गई और माकपा के करीब आ गया.

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‘सत्ता का संरक्षण मिलते ही बन गया जमीन माफिया’ 

साल 2004 में शाहजहां ने राजनीति में एंट्री ली और माकपा में शामिल हो गया. कहते हैं कि सत्ता का संरक्षण मिलते ही शाहजहां ने स्थानीय लोगों के खेतों और जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. उपजाऊ खेतों को लीज पर लिया और उनमें पानी भरकर मछली और झींगा पालने का धंधा शुरू कर दिया. स्थानीय लोग यह भी बताते हैं कि कुछ दिनों में शाहजहां की दबंगई सिर चढ़कर बोलने लगी. जो किसान उसे लीज पर खेत देने से मना करते, उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट तक की जाती थी. वक्त के साथ उसने पहले किसानों को लीज की रकम देना बंद किया, फिर खेतों पर ही कब्जा जमा लिया. साल 2011 में बंगाल में टीएमसी की सरकार बनी तो शाहजहां ने भी राजनीतिक पाला बदल किया और 2012 में वो टीएमसी से जुड़ गया. लेकिन उसके कारनामे, गुंडई और अत्याचार नहीं बदले. यह सिलसिला वैसे ही चलता रहा, जैसे वो अपने मुताबिक चलाता आ रहा था.

‘अकूत संपत्ति का मालिक है शाहजहां शेख’

टीएमसी के दिग्गज नेताओं से शाहजहां की नजदीकियां बढ़ीं और उत्तर 24 परगना के बड़े नेता ज्योतिप्रिय मलिक के करीबियों में गिना जाने लगा. वर्तमान में वह संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है. टीएमसी में उसका राजनीतिक कद तब और बढ़ गया, जब उसने पिछले साल जिला परिषद की सीट हासिल की. शाहजहां शेख का रसूख के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती गई. एक खबर के मुताबिक. उसके पास 17 कारें, 43 बीघा जमीन, करीब 2 करोड़ के जेवर और करीब 2 करोड़ का बैंक बैलेंस है. स्थानीय लोग बताते हैं कि ये रकम भी बहुत कम बताई गई है. शाहजहां के पास इससे बहुत ज्यादा पैसा और संपत्ति है. शाहजहां के करीबियों में शिबू हजरा और उत्तम सरदार के नाम आते हैं. ये लोग उसके स्थानीय गुर्गे की तरह काम करते हैं.

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शाहजहां शेख क्षेत्र में पारिवारिक और भूमि विवाद सुलझाने के लिए भी चर्चित है. शेख का छोटे भाई भी टीएमसी में सक्रिय कार्यकर्ता है. स्थानीय लोगों में शेख को ‘भाई’ के नाम से जाना जाता है. लोकसभा चुनाव के बाद संदेशखाली में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुईं और दोनों पक्षों से मौतें भी. इन घटनाओं के साथ शाहजहां शेख का नाम भी जुड़ा और उनके खिलाफ एफआईआर भी हुई है.

‘आज कोर्ट में पेश किया जाएगा शाहजहां शेख’

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमीनुल इस्लाम खान ने बताया कि 53 वर्षीय तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां को उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से गिरफ्तार किया है. आज उसे अदालत में पेश किया जाएगा. तीन दिन पहले ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने शाहजहां की गिरफ्तारी ना होने पर बंगाल पुलिस की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि शाहजहां को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

‘हमने गिरफ्तारी के लिए मजबूर किया’

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गिरफ्तारी पर कहा, ममता बनर्जी सरकार बीजेपी के लगातार आंदोलन के कारण कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुई है. उन्होंने कहा, सरकार इनकार की मुद्रा में थी. वो यह भी स्वीकार नहीं कर रही थी कि ऐसा कुछ हुआ है. मैंने पहले ही कहा था कि हम सरकार को शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर कर रहे थे. आज बीजेपी और संदेशखाली की महिलाओं के आंदोलन के कारण सरकार और ममता बनर्जी शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर हुए हैं.

‘एक महीने से चल रहे विरोध-प्रदर्शन’

बताते चलें कि संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और जबरदस्ती यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. शेख और उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली में एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

sandeshkhali‘शाहजहां के खिलाफ 1200 से ज्यादा शिकायतें’

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को शाहजहां और उनके सहयोगियों के खिलाफ आदिवासी परिवारों की महिलाओं के साथ यौन शोषण और जमीन हड़पने की 50 शिकायतें मिली हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा, हमें करीब 1,250 शिकायतें मिली हैं, जिनमें 400 भूमि मुद्दों से संबंधित हैं. हाईकोर्ट 4 मार्च को शाहजहां के खिलाफ मामले की सुनवाई करने वाला है.

‘हाईकोर्ट ने अरेस्ट करने के निर्देश दिए थे’

बुधवार को HC ने निर्देश दिया था कि शाहजहां को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि यदि बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार करती है तो मामले को कमजोर कर सकती है.

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