सार्वजनिक पार्क में नमाज पढ़ने से रोके जाने पर सबसे पहले मायावती को हुआ दर्द

लखनऊ। नोएडा सेक्टर-58 में नमाज पढ़ने के मामले में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार (26 दिसंबर) को बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अनुचित और एकतरफा बताया है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी की कोई नीति है तो सभी धर्मों पर समान तौर पर बिना भेदभाव के क्यों लागू नहीं किया जाता?

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार के पास कोई नीति है तो हर जिले में लागू करें. बिना भेदभाव के यह नियम हर जिले में लागू क्यों नहीं होता. एकतरफा कार्रवाई अति गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने कहा कि जिस जगह पर नमाज पढ़ने के लिए नोटिस जारी किया गया है, वहां फरवरी 2013 से ही नमाज पढ़ी जा रही है. अब चुनाव के समय उस पर पाबंदी लगाने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि पहले ये कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की निय​त और नीति दोनों पर ही उंगली उठना व धार्मिक भेदभाव का आरोप लगना स्वाभाविक है. साथ ही ये आशंका भी प्रबल होती है कि चुनाव के समय इस तरह धार्मिक विवाद पैदा कर बीजेपी अपनी सरकार की कमियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है.

मायावती ने कहा​ कि जुमे की नमाज के संबंध में नोएडा सेक्टर 58 स्थित 23 निजी कंपनियों को भी नोटिस जारी करने की कार्रवाई गलत और गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की ऐसी कार्रवाई से साफ है कि हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा आम चुनावों में करारी हार से बीजेपी के वरिष्ठ नेता कितना घबराए हुए हैं. अब उसी हताशा और निराशा से गलत व विसंगतिपूर्ण फैसले ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यूपी ही नहीं केंद्र की बीजेपी सरकार का भी हर काम धार्मिक उन्माद बढ़ाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला प्रतीत हो रहा है. ये अति निंदनीय है. जनता इनकी इस प्रकार के षड्यंत्रों को अच्छी तरह से समझ गई है और इनके किसी भी बहकावे में आने वाली नहीं है.

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