विशाखापत्तनम जासूसी मामला: NIA ने मुंबई से मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद हारून को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने आज (मई 15, 2020) को विशाखापत्तनम जासूसी केस में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मामले के मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।

ये मामला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएँ सौंपने से संबंधित है। इस मामले की जॉंच का जिम्मा NIA को पिछले साल दिसंबर में दिया गया था।

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NIA (National Investigation Agency) today arrested the key conspirator in the Visakhapatnam espionage case, Mohammed Haroon Haji Abdul Rehman Lakdawala (49 years) in Mumbai: NIA

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NIA ने एक बयान में बताया कि मोहम्मद हारून लकड़ावाला सीमा पार व्यापार की आड़ में अपने हैंडलर्स से मिलने के लिए कई मौकों पर पाकिस्तान के कराची गया था। इसी दौरान वह 2 पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में आया। जिनका नाम अली और रिज़वान है। इन 2 पाकिस्तानी जासूसों ने ही हारून को नौसेना कर्मियों के बैंक खाते में नियमित अंतराल पर पैसा जमा करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि अब तक इस मामले में 14 गिरफ्तारी हुई है। इनमें से एक पाकिस्तान में जन्मा भारतीय नागरिक शैस्ता कियासर (Shaista Qiaser) भी है। इससे पहले पुलिस ने इस संबंध में आंध्र प्रदेश से 13 लोगों को फरवरी में गिरफ्तार किया था।

इनमें 11 नौसेना के और 2 आम नागरिक शामिल थे। जाँच में इस बात का खुलासा हुआ था कि इन सैनिकों को हनी ट्रैप के जरिए फँसाया गया और फिर इनसे नौसेना संबंधी संवेदनशील जानकारी लीक करवाई गई।

बता दें,पाकिस्तान से जुड़े जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ पिछले साल 20 दिसंबर को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 7 भारतीय नौसेना कर्मियों और एक ऑपरेटर की गिरफ्तारी के साथ किया था।

इसके अलावा इस पूरे केस के जाँच को ‘ऑपरेशन डॉलफिन नोज’ का नाम दिया गया था। पुलिस ने नौसेना कर्मियों को पकड़ते हुए यह खुलासा किया था कि ये सभी पाकिस्तानी महिलाओं के साथ फेसबुक, व्हॉट्सअप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुड़े हुए थे और पैसों के बदले उन्हें भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे।

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