अशोक गहलोत भी अब मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में, अपने लिए बोले- बस चले तो कोई पद न लूं

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में आए मल्लिकार्जुन खड़गे को सीनियर नेताओं का लगातार समर्थन मिल रहा है। उनके सपोर्ट में दिग्विजय सिंह के नामांकन न दाखिल करने के बाद अब अशोक गहलोत भी साथ आ गए हैं। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे से आज मुलाकात की और उसके बाद कहा कि उनका चुनाव में उतरना सही फैसला है। अशोक गहलोत ने इस दौरान खुद के अध्यक्ष की रेस से बाहर होने और सीएम को लेकर संशय पर कहा कि मेरा बस चले तो मैं कोई पद न लूं। कभी राहुल गांधी यात्रा में जाऊं और कभी सड़कों पर उतरूं। आज हालात बेहद खराब हैं, लेकिन अब भी मैं कोई पद छोड़कर जाऊंगा तो लोग कहेंगे कि तकलीफ में कांग्रेस को छोड़कर अशोक गहलोत भाग रहा है।

अशोक गहलोत ने कहा कि हाईकमान से मुझे जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे मैं अदा करूंगा। मेरे लिए अहम यह है कि देश के एकजुट विपक्ष जरूरी है। देशवासी कहते हैं कि कांग्रेस मजबूत होना जरूरी है और उसके लिए राहुल गांधी निकल चुके हैं। मैं उनके साथ हैं। सीएम पद से इस्तीफे की पेशकश पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह सब मीडिया वालों की देन है। मैं तो 10 दिनों से लगातार कह रहा हूं कि इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राजीव गांधी के दौर से ही मैं पदों पर रहा हूं। इसलिए मेरे लिए अब कोई पद अहम नहीं है।

राजस्थान के सीएम ने एक बार फिर कहा कि विधायक दल की मीटिंग में हम एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करा पाए तो यह दुखद था। मैं इसके लिए बहुत दुखी हूं और जिन मित्रों ने विधायक दल की मीटिंग का बायकॉट किया है, वे जानते हैं कि मेरी भावनाएं क्या हैं। यदि मेरे रहते राजस्थान में इस तरह की घटना हो गई है तो फिर मैं पूरे देश में क्या जवाब दूंगा। इसलिए मैंने यह फैसला लिया कि अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा। अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जो घटना हुई, उसके लिए मैंने माफी मांग ली। मेरी जिम्मेदारी थी कि प्रस्ताव पारित कराता और ऐसा नहीं हुआ तो यह दुर्भाग्यपूर्ण था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *